बिहार: मध्यान्ह भोजन में बच्चों को छोले के साथ परोस दिया गया मेंढक, देखते ही सहम गए नौनिहाल

बक्सर के आचार्य नरेंद्र देव माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को शुक्रवार को मध्याह्न भोजन योजना के तहत दिए जाने वाले खाने में मेंढक मिला। जिस छात्र की थाली में ये मेंढक था वह इसे देखते ही सहम गया।

Ujjwal Singh | Published : Oct 8, 2022 7:58 AM IST / Updated: Oct 08 2022, 01:31 PM IST

बक्सर(Bihar). मध्याह्न भोजन योजना सरकार का ऐसा ड्रीम प्रोजेक्ट है जो कि सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए संजीवनी जैसा है। लेकिन बिहार के बक्सर में इस योजना को अभिशाप बना कर रख दिया गया है। बक्सर के आचार्य नरेंद्र देव माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को शुक्रवार को मध्याह्न भोजन योजना के तहत दिए जाने वाले खाने में मेंढक मिला। जिस छात्र की थाली में ये मेंढक था वह इसे देखते ही सहम गया। उसने दूसरे छात्रों को भी इसे दिखाया तो छात्रों ने खाना खाने से इनकार कर दिया और हंगामा करने लगे। अब शिकायत के बाद मामले की जांच की जा रही है।

बक्सर के आचार्य नरेंद्र देव माध्यमिक विद्यालय में बच्चों को रोजाना की तरह शुक्रवार को भी दोपहर का भोजन दिया जा रहा था। बक्सर में बच्चों को भोजन सप्लाई करने का काम NGO उज्जवल सवेरा को सौंपा गया है। शुक्रवार को जब एनजीओ उज्जवल सवेरा का कंटेनर आया और उसमें से बच्चों को खाना दिया जाने लगा तो थाली में छोले के साथ-साथ मेंढक भी परोस दिया गया। मेंढक भी छोले के साथ ही पका दिया गया था। खाने की थाली में अधजला मेंढक देखकर बच्चे सहम गए और हंगामा करने लगे। 

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मेन्यू के अनुसार नहीं बंटता खाना 
खाने की थाली में मेंढक मिलने की बात सामने आते ही स्कूल के बच्चे हंगामा करने लगे। एनजीओ द्वारा दिए गए एमडीएम के खाने में मेंढक की जानकारी होने पर प्रभारी प्रधानाध्यापक गौरव कुमार सिंह ने इसकी सूचना विभाग को दी।  उन्होंने पूरे मामले को संदर्भित करते हुए। उन्होंने पत्र में लिखा है कि मेन्यू के मुताबिक बच्चों को रोजाना खाने के साथ फल भी मिलना चाहिए । लेकिन आरोप है कि NGO द्वारा कभी भी बच्चों को फल नहीं दिया जाता है। 

जांच कराकर होगी कार्रवाई 
इस बारे में जिला कार्यक्रम अधिकारी मध्याह्न भोजन योजना नाजिश अली ने बताया कि स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा मामले की जानकारी मिली है। वह मामले की जांच कराएंगे लेकिन, सवाल उठता है कि एनजीओ द्वारा ऐसी लापरवाही कैसे की गई जब वह खाना छोटे बच्चों को दिया जाना है। सवाल खड़ा होता है कि एनजीओ के द्वारा जिस स्थान पर बच्चों का खाना बनाया जाता है क्या वहां इतनी भी सफाई नहीं है कि खाने में मेंढक चला गया और किसी को इसकी जानकारी तक नहीं हुई। उन्होंने बताया कि मामले की जांच कर एनजीओ पर यथोचित कार्रवाई की जाएगी।

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