पाकिस्तान को पस्त कर भारत को फाइनल में पहुंचाने में इस बिहारी क्रिकेटर की रही बड़ी भूमिका

आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप 2020 में भारतीय टीम फाइनल में पहुंच चुकी है। सेमीफाइल मुकाबले में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 10 विकेट के अंतर से करारी मात दी। इस मैच में भारत की जीत में बिहार के एक क्रिकेटर की बड़ी भूमिका रही।  
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 5, 2020 6:31 AM IST / Updated: Feb 07 2020, 01:31 PM IST

दरभंगा। आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप 2020 में भारतीय टीम फाइनल में पहुंच चुकी है। मंगलवार को खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 10 विकेट के अंतर से करारी मात दी। इस मुकाबले में भारतीय टीम ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण तीनों ही क्षेत्रों में प्रतिद्वंद्वी टीम को काफी पीछे छोड़ा। यूं तो इस जीत के नायक भारत के सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल रहे। जिन्होंने शानदार शतकीय पारी खेली। लेकिन उनके साथ-साथ भारत को फाइनल तक पहुंचाने में बिहार के एक युवा क्रिकेटर की भी महती भूमिका रही। जिन्होंने इस मैच में अपने प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीता।

भारत की ओर से चटकाएं सबसे अधिक विकेट
हम बात कर रहे हैं भारतीय अंडर-19 टीम के तेज गेंदबाज सुशांत मिश्रा की। दक्षिण अफ्रीका के पॉचेफस्ट्रूम के सेनवेस पार्क मैदान में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए इस हाई प्रोफाइल मुकाबले में पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया था। लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने पाक कप्तान के इस फैसले को गलत साबित करते हुए पूरी टीम को मात्र 172 रनों पर ऑल आउट कर दिया। भारत की ओर से इस मैच में सबसे ज्यादा विकेट सुशांत मिश्रा ने चटकाया। जो मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं। यूं तो सुशांत ने भारतीय अंडर-19 टीम में जगह रांची से खेलते हुए बनाई है। लेकिन उनका पैतृक घर बिहार के दरभंगा जिले में हैं। 

काफी मुश्किल था बेटे को क्रिकेटर बनाने का फैसलाः पिता
दक्षिण अफ्रीका पाकिस्तान के खिलाफ जैसे-जैसे सुशांत विकेट चटका रहे थे, वैसे-वैसे दरभंगा के तुमौल गांव में जश्न का माहौल जोर हो रहा था। इसी गांव के समीर कुमार मिश्रा के पु्त्र हैं सुशांत मिश्रा। भारतीय अंडर-19 टीम में सुशांत के चयन के बाद से उनका परिवार काफी खुश था। जो पाकिस्तान के खिलाफ मिली जीत के बाद और दोगुना हो गया। पिता समीर ने बताया ने एक मध्यम वर्गीय परिवार में बेटे को क्रिकेटर बनाने का फैसला काफी कठिन होता है। मेरा पूरा परिवार सुशांत की पढ़ाई पर जोर दे रहा था। लेकिन मेरी इच्छा थी कि सुशांत क्रिकेट खेले। काफी मुश्किल से मैंने पूरे परिवार को इसके लिए राजी किया। अब जब सुशांत को शुरुआती कामयाबी मिलनी शुरू हुई है तो पूरा परिवार काफी खुश है।     

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