आत्मनिर्भर भारत की दिशा में धीरे-धीरे युवाओं के कदम बढ़ते जा रहे हैं। कुछ ऐसा ही कदम पटना की प्रियंका गुप्ता ने उठाया है। ग्रेजुएशन के बाद दो साल रोजगार नहीं मिला तो उन्होंने वुमेंस कॉलेज के बाहर टी स्टॉल खोल लिया। अब उनकी मदद के लिए प्रफुल्ल एमबीए चायवाला आगे आए हैं।
पटना। बिहार की राजधानी पटना के वुमन्स कॉलेज (Patna Wonen's College) के पास एक चाय की दुकान आजकल चर्चा में है। दरअसल, यह दुकान इकोनॉमिक्स ग्रेजुएट प्रियंका गुप्ता की है। कॉलेज खुलने के बाद से उनके छोटे से स्टॉल पर काफी चहल-पहल रहती है। वे इस दुकान को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक कदम मानती हैं। प्रियंका ने 2019 में ग्रेजुएशन पूरा किया था। वह कहती हैं कि कोरोना लॉकडाउन और महामारी की मार के चलते वे नौकरी नहीं पा सकीं। इकसे बाद मैंने प्रफुल्ल बिल्लोर से प्रेरणा ली। वह कहती हैं- कई चायवाले हैं, चायवाली क्यों नहीं हो सकती?
इसलिए 'चायवाली' रखा नाम
उन्होंने अपने टी स्टॉल का नाम चाय वाली (Chaiwali) रखा है। इसमें लगे बैनर में लिखा है - आत्मनिर्भर भारत की ओर एक पहल। प्रियंका के टी स्टॉल पर पांच तरह की चाय हैं, जिनकी कीमत 10, 15 और 20 रुपए रखी गई है। उन्होंने अपने स्टॉल पर लिखा है - लोग क्या सोचेंगे, ये भी अगर हम ही सोचेंगे तो फिर लोग क्या सोचेंगे। इस स्लोगन के साथ वे मैसेज भी दे रही हैं कि लड़कियां हर काम कर सकती हैं। सोशल मीडिया पर लोग प्रियंका की इस पहल का स्वागत कर रहे हैं। प्रफुल्ल एमबीए चायवाला (Prafull MBA Chaiwala) ने भी प्रियंका की इस पहल पर उन्हें बधाई देते हुए लिखा है- इनसे मिलने में मेरी मदद कीजिये।
कुछ ने तंज कसा तो कुछ आए सपोर्ट में
सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने प्रियंका की इस पहल को लेकर पीएम मोदी पर तंज कसा है। इनका कहना है कि मोदीजी पूरी पीढ़ी को प्रेरणा दे रहे हैं। कुछ ही दिनों में भारत में बहुत सारे चायवाला और चायवाली हो जाएंगी। लोगों का कहना है कि बढ़ती बेरोजगारी के बीच लोग चाय बेचने को मजबूर होंगे जिससे भारत की जीडीपी 420 फीसदी तक पहुंच जाएगी। क्या मास्टर स्ट्रोक है। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने कहा- जो लोग सिस्टम का मज़ाक उड़ा रहे हैं, उन्हें उनसे (Priyanka Gupta) सीखना चाहिए। वह शेखी नहीं बघार रही हैं। उन्होंने स्थिति संभाली है। यही वास्तव में उद्यमशीलता की भावना है।
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