होली के बधाई पोस्टर पर नाम नहीं होने की वजह से JDU छात्र नेता की हत्या, गांव में पसरा मातम

होली के बधाई पोस्टर पर नाम नहीं होने के विवाद में पटना में छात्र जदयू नेता कन्हैया कौशिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।  हत्या मामले में पुलिस ने मृतक के चचेरे भाई के बयान पर तीन युवकों पर केस दर्ज किया है। दो आरोपी को गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि तीसरा फरार चल रहा है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Mar 12, 2020 8:19 AM IST

पटना। होली के शुभकामना संदेश में अपने साथी का नाम नहीं देना छात्र जदयू के नेता कन्हैया कौशिक को मंहगा पड़ गया और उन्हें अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। कन्हैया कौशिक बिहार के मुधबनी जिले के निवासी थे। बुधवार उनका शव पैतृक गांव पहुंचा। शव के गांव पहुंचते ही हर तरफ मामत का माहौल था। होली के दिन राजधानी पटना में हुई इस घटना से पुलिस-प्रशासन के साथ-साथ राज्य सरकार की भी काफी किरकिरी हुई थी। आनन-फानन में मृतक के भाई के बयान पर प्राथमीकि दर्ज कर पुलिस ने मामले में दो युवकों को गिरफ्तार किया है।  

ए.एन कॉलेज के टॉपर थे कन्हैया
जदूय छात्र नेता कन्हैया पटना विश्वविद्यालय के ए.एन कॉलेज के छात्र थे। वे केमिस्ट्री ऑनर्स की पढ़ाई कर रहे थे और कॉलेज के टॉपर भी थे। कन्हैया पढ़ाई में जिनते अव्वल थे, राजनीति में भी उनकी रूची उतनी है थी और इस वजह से उन्हें छात्र जदयू में शामिल हुए थे। कन्हैया छात्र संगठन में कॉलेज के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। कन्हैया की असमय हुई हत्या के बाद मधुबनी में शोक का माहौल है। मधुबनी के कई निवासी फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया पर कन्हैया की तस्वीर पोस्ट कर लिख रहे है कि मधुबनी ने एक बेहतर नेता खो दिया।  

पटना में होली के दिन हुई हत्या
कन्हैया की हत्या का कारण होली की शुभकामना संदेश में परिचत का नाम नहीं देने को बताया जा रहा है। उनके चचेरे भाई के बयान पर गोली मारने वाले कन्हैया के परिचित कुश, बंटी व आशुतोष के खिलाफ शास्त्रीनगर थाना में केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने तीन में से दो आरोपी बंटी और आशुतोष को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि कुश फरार चल रहा है। कन्हैया पटना के पटेलनगर में अपने भाई के साथ रहता था। भाई होली में गांव चला गया था।
 

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