
पटना (Bihar) । बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले जीतन राम मांझी की पार्टी हम ने महागठबंधन को जोरदार झटका दिया है। बता दें कि जीतन राम मांझी जिस मुसहर समुदाय से आते हैं उसकी आबादी करीब 2.9 हैं। इतना ही नहीं पार्टी का दक्षिण बिहार के इलाके में प्रभाव अधिक है। मगध क्षेत्र के इलाकों के साथ ही गया, नवादा और जहानाबाद में मुसहर समुदाय उम्मीदवारों की हार-जीत में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। ऐसे में यदि मांझी की पार्टी, एनडीए के साथ होती है तो सत्ताधारी गठबंधन के लिए यह किसी तोहफे से कम नहीं होगा। वहीं, कहा जा रहा है कि है कि जीतनराम मांझी की घर वापसी को लेकर जेडीयू की तरफ से पिछले कई महीनों से कवायद हो रही है।
...तो जेडीयू से हो चुकी है डील
माना जा रहा है कि आज हुई हम की कोर कमेटी बैठक में महागठबंधन से अलग होने का फैसला कर लिया गया है। हालांकि, अभी तय नहीं हुआ है कि जीतनराम मांझी की पार्टी जेडीयू से हाथ मिलाएगी या नहीं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि जेडीयू और मांझी के बीच डील हो चुकी है।
श्याम रजक के बाहर होते ही बढ़ा नीतीश प्रेम
बीते दिनों श्याम रजक, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू छोड़कर आरजेडी में आए हैं। इस दौरान श्याम रजक ने नीतीश सरकार को दलित विरोधी कहा था। वहीं, श्याम रजक के इस बयान पर जीतनराम मंझी ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने सवाल किया था कि श्याम रजक मंत्रिमंडल में इतने दिनों तक लाभ लेने के बाद चुनाव के समय में नीतीश कुमार को दलित विरोधी कह रहें हैं, जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है। मांझी के इस बयान को उनकी घर वापसी से जोड़कर देखा जा रहा था।
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