
हरियाणा/ बिहार. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता हाथ लगी है, क्योंकि उन्होंने कुख्यात नक्सली नेता को गिरफ्तार किया है। यह माओवादी नेता 26 साल से लापता था। जो नाम और पहचान बदलकर हरियाणा के फरीदाबाद में रह रहा था। यह नक्सली 90 के दशक में बिहार में सक्रिय नक्सली संगठन आईपीएफ-माले का मुखिया है। इसे पकड़ने के लिए उस पर 1 लाख रुपए का इनाम भी घोषित किया गया था।
26 साल पहले बिहार के एक पुलिस अधिकारी की थी हत्या
दरअसल, इस 60 वर्षीय कुख्यात नक्सली नेता की पहचान किशुन पंडित के रुप में हुई है। जो मूल रूप से बिहार का रहने वाला है। आरोपी ने 26 साल पहले बिहार में एक पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी थी। जिसके बाद से वह फरार हो गया था। आरोपी इतना बड़ा शातिर है कि उसने पुलिस से बचने के लिए 2002 में एक ट्रेन हादसे में खुद को मरा घोषित करवा दिया था। इतना ही नहीं परजिनों से अंतिम संस्कार भी करवाया दिया था। इसके बाद बिहार पुलिस ने उसकी तलाश बंद कर दी थी।
क्राइम ब्रांच ने पकड़ने के लिए बनाया धांसू प्लान
मामले की जांच कर रहे जॉइंट सीपी (क्राइम) धीरज कुमार ने बताया कि 7 अप्रैल को एक सूचना मिली थी कि बिहार के नक्सली संगठन आपीएफ माले का लीडर किशुन पंडित फरीदाबाद पहचान छिपाकर रह रहा है। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने दो टीमों को गठन किया गया। एक टीम को बिहार भेजकर पूरे मामले को वेरीफाई करवा। वहीं दूसरी टीम उसे पकड़ने के लिए फरीदाबाद भेजा। जैसे ही पुलिस ने उसे पकड़ा तो आरोपी ने अपना नाम सोलेंद्र पंडित बताकर फर्जी पहचान पत्र के साथ पुलिस को बरगलाने की कोशिश की। हालांकि पूछताछ में उसने सारी कहानी बयां कर दी। अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने 1996 में एक पुलिस अधिकारी की हत्या की थी।
ऐसे पुलिस अधिकारी की थी हत्या
पूछताछ के दौरान आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। वहीं उसने बताया कि 1996 में उसके एक साथी जिला चीफ देवेंद्र सिंह का मर्डर हो गया था। इसी दौरान पुलिस ने माओवादियों और किशुन पंडित पर हमला किया था। इस हमले के दौरान एक पुलिस ऑफिसर की मौत हो गई थी। साथी वह पुलिस के पास से कई हथियार भी लेकर फरार हो गए थे।
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