
पटना (बिहार). बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अपनी पुरानी सहयोगी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा) का साथ छोड़ राष्ट्रीय जनता दल ( राजद) और कांग्रेश के गठबंधन में शामिल होकर एक नई सरकार बना ली है। जिसके बाद बिहार में भाजपा के समर्थक पर नेताओं द्वारा लगातार जदयू पर भरोसा तोड़ने और दल बदलने का आरोप लगा रही है। इन सारी उतार-चढ़ाव के बीच अरुणाचल प्रदेश से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां अरुणाचल प्रदेश में जदयू के इकलौते विधायक टेची कासो ने नीतीश कुमार को जोरदार झटका दिया है। वे बुधवार को नीतीश कुमार की ( जदयू) का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। विधानसभा के उपाध्यक्ष तेसम पोंगते ने विधायक के भाजपा में विलय को स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 49 विधायक हो गए हैं।
अरुणाचल प्रदेश में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी जदयू
जानकारी हो कि कि 2019 विधानसभा चुनाव में जदयू ने अरुणाचल प्रदेश में अपने 15 सीटों पर विधायक उतारे थे। जिनमें से 7 सीटों में नीतीश कुमार की पार्टी ने जीत हासिल की थी। अरुणाचल प्रदेश में जदयू भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई थी। हालांकि, 2020 में नीतीश कुमार के 6 विधायकों ने जदयू का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए थे। अब जदयू के एक विधायक ने भी नीतीश का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। जिसके कारण नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा की सहयोगी एनपीपी के चार- चार विधायक हैं। वहीं तीन विधायक ऐसे हैं जिन्होंने भाजपा को अपना समर्थन दिया है।
सीएम नीतिश ने विधानसभा में साधा निशाना
इससे पहले नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अब हमारा संकल्प है कि हम मिलकर बिहार का विकास करेंगे। हमारे इस फैसले पर देश भर की पार्टियों के लोगों ने फोन कर कहा कि आपने सही निर्णय लिया है।
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