रोजी-रोटी की तलाश में बाहर गए बिहारी लॉकडाउन और कोरोना के भय से लौट कर अपने-अपने जिलों में आए है। लेकिन प्रशासन उन्हें घर नहीं भेज कर पंचायतवार बने क्वारेंटाइन सेंटर में रख रही है। निर्देश के अुनसार क्वारेंटाइन सेंटर में सभी सुविधाएं होनी चाहिए। लेकिन कई जगहों से व्यवस्था में कमी की बात सामने आ चुकी है।
सहरसा। कोरोना और लॉकडाउन की इस विपरित परिस्थिति में प्रशासन और अधिकारियों की ज्यादती के कई मामले अलग-अलग जिलों से सामने आ रही है। ताजा मामला बिहार के सहरसा जिले का है। जहां क्वारेंटाइन सेंटर की गड़बड़ियों पर सवाल उठाने से भड़के अधिकारी ने वहां रह रहे मजदूरों की पुलिस से बेरहमी से पिटाई करवा दी। पुलिस का ये अमानवीय कृत्य जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के सरोजा पंचायत अंतर्गत मध्य विद्यालय कोपरिया टोला स्थित क्वारेंटाइन सेंटर का है।
48 मजदूरों को रखा गया है कोपरियो टोले में
मध्य विद्यालय कोपरिया टोले के क्वारेंटाइन सेंटर पर बाहर से आए 48 मजदूरों को रखा गया है। सरकार के निर्देशानुसार क्वारेंटाइन सेंटर में साफ-सफाई, पेयजल, बिजली सहित अन्य सुविधाओं की व्यवस्था होनी चाहिए। लेकिन कोपरिया टोले में इन सुविधाओं का अभाव है। जिसकी शिकायत यहां रह रहे लोगों ने स्थानीय बीडीओ से फोन कर की थी। आरोप है कि बाद में बीडीओ से हुई बातचीत का ऑडियो वायरल हो गया था। इससे बीडीओ साहब इतने नाराज हो गए कि पुलिस को बुलवा कर क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे अप्रवासी मजदूरों की बेरहमी से पिटाई करवा दी।
मजदूरों के शरीर पर जख्म के निशान मौजूद
पुलिस की पिटाई से घायल दिलीप यादव, लक्ष्मण यादव, रंजीत यादव एवं श्रवण रजक के शरीर जख्म के निशान हैं। मजदूरों ने बताया कि हमलोगों को यहां लाकर रख दिया गया है। लेकिन यहां किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है। इस बात की शिकायत हम लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो बना कर वायरल किया था। साथ ही असुविधा एवं गंदगी को लेकर सिमरी बख्तियारपुर बीडीओ से बात की तो उन्होंने फोन पर दुर्व्यवहार किया।
बातचीत का ऑडियो भी वायरल किया गया था। इसी को लेकर मंगलवार की रात बलवा हाट ओपी प्रभारी हरेश्वर सिंह पुलिस बल के साथ आए और बेरहमी से सभी की पिटाई शुरू कर दी।