बिहार में सरकार बदलने के बाद पहली बार पुलिस की जमकर लाठियों बरसीं। पटना में सोमवार को बेरोजगार शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रदर्शन पर पुलिस ने जमकर लाठियां भाजीं। कुछ प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे की आड़ लेकर खुद को बचाना चाहा, लेकिन पुलिस ने कोई रहम नहीं किया।
पटना. पटना में सोमवार को बेरोजगार शिक्षक अभ्यर्थियों(unemployed teacher candidates) पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं। बिहार में सरकार बदलने के बाद किसी प्रदर्शन पर पुलिस का ऐसा बल प्रयोग देखने को मिला। कुछ प्रदर्शनकारियों ने तिरंगे की आड़ लेकर खुद को बचाना चाहा, लेकिन पुलिस ने कोई रहम नहीं किया। प्रदर्शन के दौरान के कई फोटोज सामने आए हैं, जिसमें पुलिस ने इतनी लाठियां बरसाईं कि कई प्रदर्शनकारी लहू-लुहान हो गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से तिरंगा छीनकर दुबारा उन पर लाठियां तोड़ीं।
दरअसल, 5000 से अधिक CTET और BTET पास अभ्यर्थी डाक बंग्ला चौराहे पर प्रदर्शन करने जुटे थे। इसी दौरान पुलिस ने उन्हें खदेड़ने लाठी चार्ज कर दिया। प्रदर्शनकारी असातवें चरण की नियुक्ति की मांग को लेकर प्रदर्शन करने पहुंचे थे। लेकिन इससे पहले ही वहां भारी संख्या में पुलिस फोर्स और वाटर कैनन तैनात कर दी गई थी। जब ये अभ्यर्थी बिहार के नए शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, तभी पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। CTET, BTET पास इन अभ्यर्थियों की मांग थी कि प्राथमिक विज्ञप्ति जारी की जाए।
मेरिट लिस्ट वालों की समस्याएं जस कि तस
2019 के एसटीईटी परीक्षा में पास शिक्षक अभ्यर्थियों का आरोप है कि वे मेरिट लिस्ट वाले हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक उनकी समस्या नहीं सुलझाई है। ये लोग नई सरकार बनने के बाद राजभवन तक मार्च करने निकले थे, लेकिन पुलिस ने आगे नहीं बढ़ने दिया।
बता दें कि बिहार में एसटीईटी परीक्षा 8 साल बाद हुई थी। नोटिफिकेशन 2019 में जारी किया गया। जनवरी 2020 में ऑफलाइन मोड में परीक्षा हुई, लेकिन 2-3 सेंटरों पर गड़बड़ियो की शिकायत मिलने के बाद एग्जाम कैंसल कर दिया गया था। सितंबर 2020 फिर से एग्जाम हुआ था। तब ये ऑनलाइन हुई थी।
पटना में सीएम के काफिले पर हमला, 11 गिरफ्तार
उधर, पटना में रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर पथराव के मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कुमार उस काफिले में मौजूद नहीं थे। घटना गौरी चुक थाना क्षेत्र के सोहदी मोड में शाम करीब 5 बजे उस समय हुई थी, जब एक स्थानीय व्यक्ति की मौत को लेकर सड़क जाम किया जा रहा था। पटना के कलेक्टर चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि ‘प्रदर्शनकारियों ने जब मुख्यमंत्री के काफिले को देखा, तो पथराव किया, जिससे तीन-चार वाहन मामूली रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। इसके बाद जल्द ही एक पुलिस बल को इलाके में भेजा गया और भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया। 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस पहले ही 11 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज देख रही है। बाकी आरोपी भी जल्द पकड़ लिए जाएंगे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि तीन साल के इंतजार के बावजूद सरकार ने कुछ नहीं किया।
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