गिरिराज के बयान पर शाहनवाज का पलटवार, मुस्लिम न होते तो अबुल कलाम और मिसाइल मैन कहां से मिलते

आजादी के समय ही मुसलमानों को पाकिस्तान भेजने की बात पर भाजपा का दो-फार खुलकर सामने आ गया है। गिरिराज के इस बयान पर भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने करारा जबाव दिया है। 
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 22, 2020 10:28 AM IST

पूर्णिया। बीते दिनों भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने पूर्णिया में कहा था कि आजादी के समय ही सभी मुसलमानों को पाकिस्तान भेज दिया जाना चाहिए था। हमारे पूर्वजों से गलती हुई। अब गिरिराज सिंह के इस बयान पर भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने करारा जबाब दिया है। शाहनवाज हुसैन ने पूर्णिया में कहा कि यदि भारत में मुसलमान नहीं होते तो अबुल कलाम और मिसाइल मैन जैसे लोग कहां से मिलते। बता दें कि गिरिराज सिंह ने पूर्णिया में आयोजित एक जनसभा में आजादी के समय भारत के सभी मुसलमानों को पाकिस्तान भेजने की बात कही थी। इसके साथ ही शाहनवाज हुसैन ने एआईएमआईएम  नेता असदुद्दीन ओवैसी की सभा पर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए जाने और वारिस पठान के विवादित बयान की भी आलोचना की। 

पीएम ने दो लिट्टी खाये, आप (विपक्ष) 10 खाओः शाहनवाज
असदुद्दीन ओवैसी और वारिस पठान के बारे में शाहनवाज हुसैन ने कहा कि देश के किसी भी कोने में इस तरह का बयान देने का काम करने की इजाजत नहीं है। शाहनवाज हुसैन बिहार के पूर्णिया जिले में प्रेस क्रॉफ्रेस को संबोधित करते हुए उक्त बाते कही। इसके साथ ही उन्होंने पीएम मोदी के लिट्टी-चोखा खाने और उसपर शुरू हुई सियासी रस्साकशी पर भी बोला। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि लिट्टी-चोखा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खाया लेकिन पेट में दर्द विपक्षियों को हो रहा है। साथ ही उन्होंने चुटीले अंदाज में कहा कि लिट्टी अच्छी थी। पीएम ने दो खाये आप दस खाओ। 

ये देश जितना हिंदूओं का उतना ही मुस्लिमों का भीः  शाहनवाज
गिरिराज सिंह के बयान पर शाहनवाज हुसैन ने कहा कि ये देश जितना हिंदूओं का है, उतना ही मुसलमानों का भी। अगर यहां मुसलमान नहीं होते तो कलाम साहब ( मिसाइल मैन के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एजीजे अब्दूल कलाम), मौलाना अबुल कलाम आजाद और शाहनवाज हुसैन जैसे लोग कहां से मिलते। नए नागरिकता कानून और उसके खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शन पर शाहनवाज हुसैन ने कहा कि विपक्ष सीएए के खिलाफ भ्रम रहा है। यह कानून देश में रह रहे 130 करोड़ लोगों को किसी तरह से परेशान नहीं करता। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश जैसे देशों में जो अल्पसंख्यक लानत की जिंदगी जी रहे हैं उसे ये कानून इस देश में नागरिकता देगा। 

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