3 दिनों से भूखा था परिवार, PMO में फोन किया और 1 घंटे में राशन लेकर दौड़ते पहुंचे थानेदार

लॉकडाउन के कारण रोज कमाने खाने वाले परिवारों की परेशानी काफी बढ़ गई है। रोजी-रोटी छिन जाने के कारण इनके सामने भुखमरी की समस्या हो गई है। पूर्णिया का एक ऐसा ही परिवार तीन दिनों से भूखा था। ऐसे में युवक ने सीधे पीएमओ को फोन मिला दिया। 

Asianet News Hindi | Published : Apr 13, 2020 3:49 AM IST

पूर्णिया। कोरोना से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन में निम्न आय वर्ग वाले परिवारों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है। कई जगह से स्वयंसेवी सामाजिक संगठन ऐसे लोगों की मदद को आगे आए है। लेकिन इसके बाद भी कई ऐसे परिवार हैं, जिन्हें राशन नहीं मिल पा रहा है। ऐसा ही एक परिवार बिहार के पूर्णिया जिले में भी है।

यह परिवार बीते दिनों से भूखा था। कहीं से कोई उपाए नहीं होता देख परिवार के एक युवक ने सीधे प्रधानमंत्री ऑफिस को फोन मिला दिया। पीएमओ को फोन कर युवक ने अपनी पीड़ा बताई। जिसके बाद पीएमओ कार्यालय से तुरंत कार्रवाई करते हुए पूर्णिया के जिला प्रशासन को फोन कर इस भूखे परिवार को मदद का निर्देश दिया। 

जलालगढ़ के मॉडल स्कूल मैदान में रहता है परिवार
पीएमओ का फोन आते ही पूर्णिया जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में राशन की व्यवस्था कर उक्त परिवार को एक घंटे में मदद पहुंचाई गई। राशन मिलने के बाद वह परिवार काफी खुश नजर आया। मामला पूर्णिया के जलालगढ़ थाना क्षेत्र का है। जलालगढ़ के मॉडल स्कूल मैदान में रहने वाले शमसाद ने पीएमओ को फोन कर अपने परिवार के बारे में जानकारी दी थी। उसने बताया था कि लॉकडाउन के कारण रोजी-रोटी छिन गई है। बीते तीन दिनों से घर का राशन खत्म है। ऐसे में वो और उसका परिवार तीन दिनों से भूखा है। 

घूम-घूम कर कपड़ा बेचने का करता था काम
बता दें कि शमसाद के परिवार में 6 लोग है। शमसाद घूम-घूम कर कपड़ा बेचने का काम करता था। लेकिन जब से लॉकडाउन लगा है, उसका काम बंद पड़ गया है। ऐसे में जमापूंजी से उसने अपने परिवार का भरण पोषण 20 दिनों तक तो किया। लेकिन उसके बाद न तो उसके पास पैसे थे और ना हीं घर में राशन। इस कारण उसका परिवार बीते तीन दिनों से भूखा था। कहीं से कोई चारा नहीं होते देख शमसाद ने एक साथी से पीएमओ का हेल्पलाइन नंबर हासिल किया और उसपर फोन कर मामले की जानकारी दी। उसके फोन के एक घंटे  के अंदर ही जलालगढ़ थाना से पुलिस राशन लिए उसके घर तक पहुंची। 

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