मुश्ताक मर्चेंट डायबिटीज से पीड़ित थे। इस बीमारी से परेशान होकर 16 साल पहले उन्होंने एक्टिंग को अलविदा कह दिया था। इसके बाद वो सूफी बन गए थे और केवल धार्मिक कामों में खुद को बिजी रखते थे।
मुंबई. बॉलीवुड फिल्मों में काम कर चुके मशहूर कॉमेडियन, एक्टर और शायर मुश्ताक मर्चेंट ( Mushtaq Merchant) अब हमारे बीच नहीं रहे है। आज सोमवार 27 दिसंबर को मुंबई के होली फैमिली हॉस्पिटल में निधन हो गया। 67 साल के मुश्ताक मर्चेंट लंबे समय से डायबिटीज से जूझ रहे थे। एक्टर की फैमिली ने उनके निधन की खबर को कन्फर्म किया है। मुंबई में पैदा हुए मुश्ताक ने कई फिल्मों में काम किया। जिसमें 'सीता और गीता', 'जवानी दीवानी', 'सागर', 'प्यार का साया' और 'फिफ्टी फिफ्टी, 'शोले' और 'हाथ की सफाई' है।
मुश्ताक मर्चेंट ने कई फिल्में भी लिखीं
हालांकि शोले मूवी रिलीज हुई तो उनका सीन लोगों को देखने को नहीं मिला। इसकी वजह थी फिल्म की लंबाई। फिल्म की लंबाई की वजह से उनका रोल काट दिया था। मुश्ताक मर्चेंट ने 'शोले' में दो भूमिकाएं निभाईं, एक ट्रेन ड्राइवर की और दूसरी जिसमें जय और वीरू ने प्रतिष्ठित गीत 'ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे' से ठीक पहले उसकी मोटर साइकिल चुरा ली। इसके अलावा उन्होंने फिल्में भी लिखी। जिसमें 'प्यार का साया', 'लाड साहब', 'सपने साजन के', 'गैंग'।
सातवीं क्लास से मुश्ताक मर्चेंट को एक्टिंग का शौक हुआ। उन्होंने अपने स्कूल में एक ड्रामा जिसका नाम हजामत था उसमें डबल रोल किया था। जिसके बाद वो अभिनय की तरफ मुड़ गए। इसके बाद वो राइटिंग भी करने लगे। मुंबई में ऑल इंडिया इंटरकॉलेजज में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड भी मिला।इतना ही नहीं उन्हें तीन साल तक बेस्ट राइटर और डायरेक्टर का अवॉर्ड भी मिला। उन्होंने ये तमाम बातें अपने एक इंटरव्यू में बताई थी।
डायबिटीज से पीड़ित थे मर्चेंट
बता दें कि मुश्ताक मर्चेंट डायबिटीज से पीड़ित थे। इस बीमारी से परेशान होकर 16 साल पहले उन्होंने एक्टिंग को अलविदा कह दिया था। इसके बाद वो सूफी बन गए थे और केवल धार्मिक कामों में खुद को बिजी रखते थे। इसके साथ ही मुश्ताक शेर भी लिखते थे और गाहे-बगाहे किसी मशायरे में नजर आते थे।
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