OM Movie Review : अतीत से जूझते कमांडो की कहानी है 'ओम', आदित्य की मेहनत पर कमजोर राइटिंग ने फेरा पानी

आदित्य रॉय कपूर (Aditya Roy Kapur) के करियर की 15वीं और संजना सांघी (Sanjana Sanghi) के करियर की 6वीं फिल्म 'राष्ट्र कवच ओम' (Rashtra Kavach Om) रिलीज हो चुकी है। यह दोनों की साथ में पहली फिल्म है।

Akash Khare | Published : Jul 1, 2022 8:02 AM IST / Updated: Jul 01 2022, 01:34 PM IST

एंटरटेनमेंट डेस्क. आदित्य रॉय कपूर, संजना सांघी, जैकी श्रॉफ, प्रकाश राज और आशुतोष राणा जैसे कलाकरों से सजी फिल्म 'राष्ट्र कवच ओम' सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। अगर आप इस एक्शन-थ्रिलर फिल्म को देखने का मन बना रहे हैं तो एक बार इस रिव्यू को जरूर पढ़ लें। 

एशियानेट रेटिंग2/5
डायरेक्शनकपिल वर्मा
स्टार कास्टआदित्य रॉय कपूर, संजना सांघी, जैकी श्रॉफ, आशुतोष राणा, प्रकाश राज, एल्नाज नोरोजी आदि
प्रोड्यूसर्सजी स्टूडियो और अहमद खान
म्यूजिक डायरेक्टर्सअमनदीप सिंह जॉली, आरको, चिरंतन भट्ट
जॉनरएक्शन-थ्रिलर

 

कहानी: एक्शन और इमोशंस दर्शकों करते हैं कन्फ्यूज 
फिल्म की कहानी ओम राठौड़ और उसके निर्दोष पिता देव राठौड़ की है। देव राठौड़ एक न्यूक्लियर साइंसटिस्ट हैं जो देश के लिए एक ऐया राष्ट्र कवच बनाने जा रहे थे जो देश को हर तरह के न्यूक्लियर हमले से बचाता पर इससे पहले कि वो इसे बना पाते देश के गद्दार उन्हें किडनैप कर लेते हैं। देव के ऊपर देशद्रोह का आरोप लग जाता है और उसे मिटाने के लिए व अपने पिता को बेकसूर साबित करने के लिए ओम उन्हें बचाने के लिए निकल जाता है। अब क्या ओम अपने पिता को ढूंढकर उन्हें निर्दोष साबित कर पाएगा या उसे पिता वाकई में देशद्रोही हैं, यह फिल्म देखने के बाद पता चलेगा।

एक्टिंग: फिजीक जबरदस्त पर एक्टिंग कमजोर
आदित्य ने अपने फिजीक पर काफी मेहतन की है जो कि साफ दिखता है पर कई इमोशनल सीन्स में उनका हार्ड लुक बताता है कि उन्हें अभी और एक्टिंग सीखने की जरूरत है। ठीक वैसे ही संजना ने भी एक्शन पर काफी मेहनत की है पर उनके मासूम से चेहरे पर एक्शन सूट नहीं करता। जैकी श्रॉफ, आशुतोष राणा और प्रकाश राज जैसे कलाकारों के चलते ही आप इस फिल्म को देखने की हिम्मत कर सकते हैं। कई मौकों पर तो आपको आदित्य से ज्यादा जैकी श्रॉफ को देखने में मजा आता है।

राइटिंग और डायरेक्शन: सही तरह से पेश करने में चूके
राइटर राज सलूजा और निकेत पांडेय ने इस फिल्म की कहानी इतनी उलझी हुई कि दर्शक जब तक कोई प्लॉट समझने की कोशिश करते हैं एक नया ट्विस्ट आ जाता है। वहीं डायरेक्टर कपिल वर्मा भी इसे सही तरह से पेश करने से चूक गए। उनका ज्यादातर फोकस ओम को इंसान नहीं बल्कि सुपरहीरो की तरह पेश करने पर था और इसी वजह से फिल्म के कई दृश्यों पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। फिर चाहे ओम अकेले दस लोगों से लड़ रहा हो या फिर वो हेलीकॉप्टर की चेन पकड़र उसे नीचे गिरा देता हो। फिल्म में एक्शन भरपूर है और स्पेशल इफेक्ट्स की भी कोई कमी नहीं लगती पर कुछ सीन बहुत फीके बन पड़े हैं।

म्यूजिक: सिर दर्द देता है बैकग्राउंड स्कोर
फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर अमनदीप सिंह जॉली ने दिया है जो जरूरत से ज्यादा लाउड है। कई एक्शन सीन्स में तो यह आपका सिर दर्द कर देता है। वहीं गानों का म्यूजिक थोड़ा बेहतर है जो आरको और चिरंतन भट्ट ने दिया है। गानों के नाम पर फिल्म में 4 ही गानें हैं, जिनमें से 3 रोमांटिक और एक डांस नंबर है।

क्यों देखें और क्यों न देखें
अगर आदित्य रॉय कपूर, जैकी श्रॉफ और एक्शन फिल्मों के शौकीन है तो एक बार देख सकते हैं। अगर फैमिली को एक्शन फिल्में देखना पसंद है तो उनके साथ भी देख सकते हैं। अगर आर्ट फिल्मों के शौकीन हैं और फिल्म देखते समय दिमाग लगाते हैं तो न जाएं।

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