रिलीज से पहले ही विवादों में फंसी आलिया भट्ट की 'गंगूबाई काठियावाड़ी', कोर्ट ने भेजा समन

फिल्म डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' की मुसीबतें समय के साथ बढ़ती ही जा रही है। इस फिल्म को लेकर लगातार विरोध जताया जा रहा है, साथ ही अब ये कानूनी पचड़ में भी फंसती नजर आ रही हैं।

Asianet News Hindi | Published : Mar 25, 2021 5:28 AM IST

मुंबई. फिल्म डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' की मुसीबतें समय के साथ बढ़ती ही जा रही है। इस फिल्म को लेकर लगातार विरोध जताया जा रहा है, साथ ही अब ये कानूनी पचड़ में भी फंसती नजर आ रही हैं। अब मुंबई की एक चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने इस फिल्म की लीड एक्ट्रेस आलिया भट्ट, डायरेक्टर संजय लीला भंसाली और दो उपन्यास लेखों के नाम समन जारी किया है। इन सभी से 21 मई को कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।

इन्होंने दर्ज कराई शिकायत 

ये समन क्रिमिनल मानहानी केस के तहत भेजा गया है, जिसे बाबू रावजी शाह नाम के शख्स ने दर्ज करवाया था। बाबू अपने आप को गंगूबाई काठियावाड़ी का गोद लिया बेटा बताता है कि याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' में उनके परिवार की बदनामी हो रही है। उन्होंने ये भी कहा है कि यह किताब में लिखी बात सत्य नहीं है, बल्कि किताब झूठे तथ्यों पर आधारित है। भंसाली की फिल्म किताब पर आधारित है और इसलिए इसके खिलाफ भी मानहानि का मामला हुआ है।

इससे पहले बाबू रावजी शाह मुंबई के सेशंस कोर्ट गए थे और किताब के लेखकों के खिलाफ निरोधक आदेश जारी करने की मांग की थी। इसके साथ ही फिल्म के प्रोमो और ट्रेलर को रकने के लिए भी गुहार लगाई थी। कोर्ट कहना था कि ऐसा नहीं किया जा सकता क्योंकि किताब 2011 में रिलीज हुई थी और इसके खिलाफ शिकायत 2020 में दर्ज करवाई गई है। 

कोर्ट क्यों खारिज किया था मामला 

इसके अलावा शाह इस बात का कोई प्रमाण नहीं दे पाए थे कि वो सही में गंगूबाई के गोद लिए बेटे हैं और उन्हें कैसे कानूनी तौर पर गोद लिया गया था। फिल्म के मेकर्स और लेखकों ने ये बात भी सामने रखी थी कि कैसे परिवार के अन्य सदस्यों के साथ शाह को नहीं देखा गया है और किताब के मुताबिक उन्होंने परिवार का बुरा किया है। बाबू रावजी शाह की दलील के खारिज होनेे के बाद उन्होंने क्रिमिनेल ऐक्शन में फिल्म मेकर्स और लेखकों के खिलाफ परिवार की मानहानि का मुकदमा दायर किया था। 

मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मानी शाह की बात

कोर्ट ने ये बात मानी थी कि बाबू रावजी शाह और उनके परिवार को किताब और फिल्म के प्रोमो की वजह से मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ा है। इस बात के साथ शाह ने अपनी 11 दिसंबर, 2020 को नागपाड़ा थाने में दर्ज करवाई शिकायत को भी सामने रखा था। इस शिकायत के मुताबिक, सभी आरोपियों को नोटिस भेजा गया था और उनमें से एक ने ही इसका जवाब दिया था।

शाह की शिकायत को देखने के बाद कोर्ट ने फैसला किया था कि उनके पास मामले को आगे ले जाने के लिए भरपूर मुद्दा है और सभी आरोपी इंडियन पीन कोड के सेक्शन 34 के साथ सेक्शन 500, 501 और 502 के तहत दंड के लायक हैं। इसी के चलते मजिस्ट्रेट कोर्ट ने आलिया, भंसाली और लेखों को समन भेजा है और सभी को 21 मई को कोर्ट के सामने पेश होने को कहा है। 

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