छोटे भाई की चिता जलाकर लौटे इस शख्स की हार्ट अटैक से मौत, अनिल कपूर से लेकर सनी देओल संग कर चुका काम

सिनेमैटोग्राफर गागरिन मिश्रा  का बीती रात मुंबई स्थित अपने निवास पर निधन हो गया है। पिछले एक महीने के अंदर उनके परिवार पर यह दूसरा संकट आया है। हाल ही में गागरिन उड़ीसा में अपने छोटे भाई देबेन मिश्रा को अंतिम विदाई देकर लौटे थे। मुंबई आने के बाद भी भाई को खोने का गम कम नहीं हो रहा था और दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। गागरिन ने अपने करियर की शुरुआत1983 में सावन कुमार टाक के निर्देशन में आई फिल्म 'सौतन' से की थी, जिसमें राजेश खन्ना, टीना मुनीम और पद्मिनी कोल्हापुरी लीड रोल में थे। 

Asianet News Hindi | Published : Sep 9, 2020 1:07 PM IST

मुंबई. बॉलीवुड फिल्मों के सिनेमैटोग्राफर गागरिन मिश्रा  का बीती रात मुंबई स्थित अपने निवास पर निधन हो गया है। पिछले एक महीने के अंदर उनके परिवार पर यह दूसरा संकट आया है। हाल ही में गागरिन उड़ीसा में अपने छोटे भाई देबेन मिश्रा को अंतिम विदाई देकर लौटे थे। मुंबई आने के बाद भी भाई को खोने का गम कम नहीं हो रहा था और दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। गागरिन ने अपने करियर की शुरुआत1983 में सावन कुमार टाक के निर्देशन में आई फिल्म 'सौतन' से की थी, जिसमें राजेश खन्ना, टीना मुनीम और पद्मिनी कोल्हापुरी लीड रोल में थे। 

Veteran Odia Cinematographer Gagarin Mishra Passes Away – The News Room
कई फिल्मों में किया सहायक कैमरामैन का काम
सौतन फिल्म में गागरिन ने सहायक कैमरामैन की भूमिका निभाई। इसके बाद वह बेताब, लैला, लावा, अर्जुन, फासले, प्रीती, एक चादर मैली सी जैसी फिल्मों के साथ सहायक कैमरामैन के रूप में जुड़े रहे। गागरिन ने प्यार की जीत, राम अवतार, वारिस, तेजाब, इंसानियत, चांदनी, चालबाज, नरसिम्हा, अकेला, क्षत्रिय, रूप की रानी चोरों का राजा जैसी कई बड़ी फिल्मों में भी सहायक कैमरामैन की भूमिका निभाई है।


छोटा भाई था वीडियो एडिटर
1995 में मुकुल आनंद के निर्देशन में आई फिल्म 'त्रिमूर्ति' में गागरिन ने आखिरी बार कैमरा ऑपरेटर का काम किया। इससे पहले 1987 में आई एक उड़िया भाषा की फिल्म 'अन्याय साहिबी नहीं' में ही पहली बार गागरिन को सिनेमैटोग्राफी करने का मौका मिल गया था। लेकिन, उन्होंने सिनेमैटोग्राफर के रूप में अपना काम 2001 में ज्योति स्वरूप के निर्देशन में बनी कश्मीरी भाषा की फिल्म 'बब' से फिर शुरू किया। इसके बाद से वह सिर्फ मुख्य सिनेमैटोग्राफर बन गए। यह सिलसिला काबू, टाडा, कुछ कहा आपने... जैसी फिल्मों के साथ चलता रहा। गागरिन ने अंतिम बार 2018 में आई कॉमेडी फिल्म 'हसीना' में एक सिनेमैटोग्राफर की भूमिका निभाई थी। पिछले महीने की 15 तारीख को इस दुनिया से अलविदा कहने वाले गागरिन के भाई देबेन भी उड़िया फिल्मों के वीडियो संपादक थे। 

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