92 साल के इस म्यूजिक डायरेक्टर का हुआ बुरा हाल, गुजर-बसर करने के लिए बेचने पड़ रहे घर के सामान

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वह बुढ़ापे में होने वाली तकलीफों से जूझ रहे हैं। घुटनों में दर्द रहता है, कम सुनने लगे हैं और याददाश्त भी कम हो गई है।

Asianet News Hindi | Published : Sep 17, 2019 11:24 AM IST

मुंबई. 92 साल के म्यूजिक डायरेक्टर वनराज भाटिया इन दिनों तंगहाली में अपने जीवन का गुजारा करने पर मजबूर हैं। इस बात का खुलासा उन्होंने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू के दौरान किया कि उन्हें अपने रोजमर्रा के खर्चों के लिए घर के बर्तन तक बेचने पड़ रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में वनराज भाटिया की मदद के लिए पहले कोई नहीं आ रहा था लेकिन मीडिया में ये खबर फैलने के बाद उनकी मदद के लिए अब सबसे पहले एक्टर कबीर बेदी ने अपना हाथ आगे बढ़ाया है।

एक्टर ने ट्विटर पर की लोगों से अपील 

कबीर बेदी ने उनसे मुलाकात के बाद ट्विटर पर लोगों से अपील की कि सभी वनराज भाटिया से मिलें और मुश्किल वक्त में उनका साथ दें। कबीर बेदी ने लिखा कि उन्होंने कल वनराज भाटिया से मुलाकात की। वह बेहद जिंदादिल और कमाल के इंसान हैं लेकिन, सभी दोस्तों को इस वक्त उनकी मदद करनी चाहिए क्योंकि ये उनका मुश्किल समय है।' 

 

इलाज कराने के भी नहीं है पैसे

वनराज की इतनी तंगी हालत है कि उनके पास डॉक्टर को दिखाने और दवा लेने तक के पैसे नहीं हैं। उनकी नौकरानी सुजीत एक चैनल के माध्यम से बताया कि गुजर-बसर के लिए उनकी कुछ खास ब्रिटिश क्रॉकरी को बेचा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वनराज किराए के घर में रहते हैं, जिसका किराया कुछ सामाजिक संगठन और लोग मिलकर चुकाते हैं। 

इन तकलीफों से जूझ रहे हैं संगीतकार

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वह बुढ़ापे में होने वाली तकलीफों से जूझ रहे हैं। घुटनों में दर्द रहता है, कम सुनने लगे हैं और याददाश्त भी कम हो गई है। मीडिया से बातचीत के बारे में वनराज ने कहा कि उनके पास पैसे नहीं हैं। उन्हें अकेला छोड़ दिया जाए। कोई उनसे मिलने नहीं आता। कोई क्यों ही मिलेगा? अब वो किसी के काम नहीं आ सकते हैं। बता दें कि वनराज एक नेशनल अवॉर्ड विनर म्यूजिक डायरेक्टर हैं। उन्हें साल 1988 में फिल्म 'तमस' के लिए ये अवॉर्ड मिला था। इसके अलावा साल 2012 में उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था। 

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