
मुंबई। गुरुवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना रनोट (Kangana Ranaut) द्वारा बीएमसी (BMC) के खिलाफ लगाई गई याचिका पर सुनवाई की। कंगना ने यह याचिका अपने मणिकर्णिका फिल्म्स (Manikarnika Films) के दफ्तर में तोड़फोड़ के खिलाफ लगाई गई थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बीएमसी को फटकार लगाते हुए कहा कि आप तो बहुत तेज हैं, फिर आपको और समय क्यों चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि तोड़ी गई प्रॉपर्टी को यूं ही नहीं छोड़ा जा सकता। इस पर शुक्रवार को सुनवाई होगी।
केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस एसजे काठवल्ला और जस्टिस आरआई छागला की बेंच ने कहा कि मानसून में आप लोगों (बीएमसी) ने कार्रवाई की। ऐसे में और ज्यादा दिन सुनवाई नहीं टाल सकते। जब कार्रवाई करने की बात थी तो आपने बहुत तेजी दिखाई। जब जवाब देने की बात आई तो सुस्ती दिखाई जा रही है। किसी का घर तोड़ दिया गया है। हम बरसात के मौसम में उस ढांचे को यूं नहीं दे सकते।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक्ट्रेस के ऑफिस पर बुलडोजर चलाने का आदेश देने वाले बीएमसी के अफसर और शिवसेना सांसद संजय राउत को पक्षकार बनाने की बात कही थी। कंगना की तरफ से संजय राउत के ‘उखाड़ दिया’ वाले बयान कि सीडी हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दी गई थी, जिसके बाद हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया।
हाइकोर्ट की कार्रवाई पर कंगना ने ट्वीट करते हुए लिखा- माननीय हाईकोर्ट, मेरी आंखों में आंसू आ गए। मुंबई की बरसात में मेरा घर गिर रहा है। आपने मेरे टूटे हुए घर के बारे में इतना सोचा, यह मेरे लिए बहुत है। मेरे घावों पर मरहम लगाने के लिए शुक्रिया। मुझे वो सब वापस मिल गया, जो मैंने खोया था।
बता दें कि कि कंगना रनोर्ट द्वारा मुंबई को पीओके बताने वाले बयान के बाद बीमएसी ने उनके पाली हिल स्थित ऑफिस को अवैध बताते हुए 9 सितंबर को तोड़ दिया था। इसके बाद कंगना ने बीमएसी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने ही संजय राउत के साथ-साथ आदेश जारी करने वाले अधिकारी को भी इस केस में पार्टी बनाया है।