हिंदी समेत क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को लेकर सेंसर बोर्ड की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है। सेंसर बोर्ड की ओर से कहा गया है कि जिस भाषा में फिल्म बनाएं उसी में पात्रों के नाम भी लिखें। दरअसल, पिछले कुछ समय से फिल्मों में पात्रों के नाम अंग्रेजी में देने का चलन बढ़ गया है।
मुंबई. हिंदी समेत क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्मों को लेकर सेंसर बोर्ड की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है। सेंसर बोर्ड की ओर से कहा गया है कि जिस भाषा में फिल्म बनाएं उसी में पात्रों के नाम भी लिखें। दरअसल, पिछले कुछ समय से फिल्मों में पात्रों के नाम अंग्रेजी में देने का चलन बढ़ गया है। अब सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) ने इसकी सुध लेते हुए निर्माताओं से कहा है कि फिल्मों के शीर्षक, कलाकारों के नाम और क्रेडिट उसी भाषा में दिखाएं, जिस भाषा में प्रमाणन के लिए भेजी गई है।
हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं की फिल्म के लिए इसे महत्वपूर्ण फैसला माना जा रहा है। अब तक इन भाषाओं की फिल्मों में अंग्रेजी में ही सारी जानकारियां दी जाती रही हैं।
CBFC ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति
सीबीएफसी (CBFC) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविंद्र भाकर ने एक विज्ञप्ति जारी की और इसमें कहा कि 'आप के संज्ञान में लाया जाता है कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने चलचित्र (प्रमाणन) नियमावली-1983 के नियम-22 में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी की है, जिसके तहत फिल्म का शीर्षक, कलाकारों के नाम और आभार उस में लिखे होने चाहिए, जिस में फिल्म के संवाद हैं और अगर आवेदक की इच्छा हो तो वह संवाद वाली के अलावा इन्हें अन्य में प्रदर्शित कर सकता है।'
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत सीबीएफसी फिल्म प्रमाणन के लिए कानूनी निकाय है।