दीपिका पादुकोण करने वाली थी सुसाइड ! एक नज़र में भांप लिया था मां ने

दीपिका पादुकोण  ने एक इंटरव्यु में बताया की वे डिप्रेशन का शिकार हो चुकी थी, एक समय तो उन्हें सुसाइड के बारे में भी थॉट्स आने लगे थे। एक्ट्रेस  ने खुलासा किया कि अगर उसकी मां ने उन्हें उस समय नहीं संभाला होता तो वह नहीं जानती कि वह आज किस हालत में होती

Rupesh Sahu | Published : Oct 9, 2022 3:50 PM IST

एंटरटेनमेंट डेस्क । दीपिका पादुकोण, बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस में शुमार की जाती है। फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू केबाद कभी उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा है। उन्हें पूरी दुनिया में लोग जानते हैं, उनकी हुनर की तारीफ करते हैं, लेकिन ये एक्ट्रेस भी डिप्रेशन का शिकार हो चुकी हैं। वो तो सुसाइड तक के बारे में सोचने लगी थी, हालांकि उनकी मां ने उन्हें इस विपरीत हालातों से बाहर निकाला । 

मां ने निकाला डिप्रेशन से
एक्ट्रेस इस समय तमिलनाडु के तिरुवल्लूर में हैं, वे 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस ( World Mental Health Day ) से पहले अपने मेंटल हेल्थ फाउंडेशन लाइव लव लाफ के रुरल कम्युनिटी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम को विस्तार दे रहीं हैं। अपनी यात्रा के दौरान, एक्ट्रेस ने मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखने के महत्व को समझाया।  एक्ट्रेस ने एक इंटरव्यु में बताया की वे डिप्रेशन का शिकार हो चुकी थी, एक समय तो उन्हें सुसाइड के बारे में भी थॉट्स आने लगे थे। दीपिका ने खुलासा किया कि अगर उसकी मां ने उन्हें उस समय नहीं संभाला होता तो वह नहीं जानती कि वह आज किस हालत में होती। 

फैमिली की अहम होती है भूमिका
जब दीपिका से मानसिक स्वास्थ्य में फैमिली की भूमिका के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, "यह बेहद अहम है। मेरी खुद की लाइफ में भी, देखभाल करने वाले की भूमिका बेहद अहम रही है, इसलिए मेरी मां यहां है। 

पूरे साल जूझतीं रहीं खुद से
दीपिका पादुकोण ने 2015 में अपनी मेंटल हेल्थ  के बारे में खुलासा किया, उन्होंने कहा कि वह उस समय तकरीबन एक साल से डिप्रेशन से जूझ रही थीं, इसके बाद  उन्होंने मदद मांगी थी। उनका फाउडेंसन, Live Love Laugh का मोटिव उन लोगों की मदद करना है जो अपने मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे हैं।

मां के सामने फूटकर रोईं थी दीपिका 
एक अन्य कार्यक्रम में, अपने डिप्रेशन के बारे में एक्ट्रेस ने बताया कि, "मेरे माता-पिता बेंगलुरु में रहते हैं, लेकिन वे मुझसे मिलने अक्सर आते थे ।  जब में डिप्रेशन में थी तो बावजूद मैं ऐसा दिखाती थी कि सबकुछ ठीक है। हालांकि वे जब एक दिन वापस बेंगलुरु जा रहे थे तो मैं टूट गई, इस दौरान मेरी मां ने पूछा,  क्या ये किसी बॉयफ्रेंड की वजह से है, क्या काम की वजह से ? क्या हुआ है? मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं होता था, क्योंकि ऐसा कुछ भी हुआ ही नहीं था, बस मेरी दुनिया में कुछ कमी सी लग रही थी। हालांकि वो बिना बताए ही समझ गई थीं। उस समय मुझे लगता है कि मेरे लिए उन्हें भगवान ने ही भेजा था।
 

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