'गंगाजल', 'लगान', 'राउडी राठौर' और 'टशन' जैसी फिल्मों में काम कर चुके एक्टर यशपाल शर्मा मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अगर जिस दिन आपने गृह मंत्री और प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए फिल्में बनाईं, उस दिन से ही आपकी रचनात्मकता खत्म हो जाती है, लानत है इस चीज पर।
मुंबई. 'गंगाजल', 'लगान', 'राउडी राठौर' और 'टशन' जैसी फिल्मों में काम कर चुके एक्टर यशपाल शर्मा मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अगर जिस दिन आपने गृह मंत्री और प्रधानमंत्री को खुश करने के लिए फिल्में बनाईं, उस दिन से ही आपकी रचनात्मकता खत्म हो जाती है, लानत है इस चीज पर। इसके साथ ही दिल्ली हिंसा और कपिल मिश्रा के भड़काऊ भाषण को लेकर भी बात की है।
फिल्म इंडस्ट्री क्रिएटिविटी को लेकर बोले यशपाल
यशपाल शर्मा इंटरव्यू में कहा कि कलाकार की कोई जाति या पार्टी नहीं होती। कलाकार ही अपने आप में एक धर्म है, तो उसमें न कोई ऊंच न नीच, न अमीर न गरीब, न बीजेपी न कांग्रेस, न जाट न ब्राह्मण, न मुस्लिम न हिंदू है। कलाकार तो एक कलाकार है। जिस दिन किसी ने एक कलाकार होने के नाते यह सोच लिया कि इसको खुश करने के लिए फिल्में बनानी हैं तो उसी दिन वो मर गया। सीधी सी बात है, अगर जिसने सोचा कि चलो फिल्में बनाकर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को खुश करते हैं तो फिर आपकी क्रिएटिविटी खत्म हो चुकी है।
दिल्ली हिंसा को लेकर भी बोले यशपाल
यशपाल ने इंटरव्यू में दिल्ली हिंसा और सीएए को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि वो सीएए के खिलाफ हैं। एक्टर कहते हैं कि जितना यशपाल इसे जान पाए हैं वो इसके खिलाफ हैं। उनका मानना है कि इस कानून ने बेकाम लोगों को उलझाकर रख दिया है। यशपाल ने कहा, 'आप डर सा पैदा कर रहे हैं, लाइनों में लगने का काम, कागज ढूंढने का काम, बेरोजगार हैं तो यह थोड़े न कोई काम हुआ है। रोजगार होगा तभी तो काम होगा।' एक्टर ने दिल्ली हिंसा पर बात करते हुए कहा कि दोनों तरफ से गलत हुआ है, लेकिन क्रॉनोलोजिकल मैंने देखा है, तो इसमें कपिल मिश्रा का बयान और कुछ लोगों का बयान बहुत गलत है।'