राजद्रोह मामले में कंगना से 2 घंटे तक चली पूछताछ, एक्ट्रेस बोली- मुझ पर हंसने तक के लिए हो चुका केस

कंगना रनोट (Kangana Ranaut) शुक्रवार राजद्रोह के मामले में बहन रंगोली चंदेल (Rangoli Chandel) के साथ मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में बयान दर्ज करवाने पहुंचीं। दोनों के खिलाफ 17 अक्टूबर को बांद्रा पुलिस स्टेशन में राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था। इससे पहले कंगना को पूछताछ के लिए तीन बार समन किया गया था, लेकिन भाई की शादी के चलते वो नहीं आ पाई थीं। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 8, 2021 9:54 AM IST / Updated: Jan 08 2021, 04:17 PM IST

मुंबई। कंगना रनोट (Kangana Ranaut) शुक्रवार राजद्रोह के मामले में बहन रंगोली चंदेल (Rangoli Chandel) के साथ मुंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में बयान दर्ज करवाने पहुंचीं। इस दौरान दोनों बहनों से करीब 2 घंटे तक पूछताछ चली। कंगना और रंगोली के खिलाफ 17 अक्टूबर को बांद्रा पुलिस स्टेशन में राजद्रोह का केस दर्ज किया गया था। इससे पहले कंगना को पूछताछ के लिए तीन बार समन किया गया था, लेकिन भाई की शादी के चलते वो नहीं आ पाई थीं। कंगना के खिलाफ अगर पुख्ता सबूत मिलते हैं तो उनकी गिरफ्तार भी हो सकती है। 

Kangana Ranaut's Sister Rangoli Attacks On Ranbir Kapoor & Alia Bhatt On  Twitter; Calls them Pappu - LADPOINT

बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिया था हाजिर होने का आदेश : 
बता दें कि कंगना रनोट पर हिंदू-मुस्लिम के नाम पर फूट डालने के आरोप लगे हैं। कंगना के खिलाफ इसी तरह के एक मामले में तुमकुर (कर्नाटक) में भी FIR दर्ज हुई थी। यहां उन पर किसानों का अपमान करने के आरोप लगे थे। इससे पहले 25 नवंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कंगना और उनकी बहन रंगोली चंदेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों को 8 जनवरी को पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन पहुंचने का आदेश जारी किया था।

 

मुझ पर हंसने तक के लिए केस हुआ है - कंगना
वहीं इस मामले में कंगना ने एक वीडियो शेयर किया। इसमें उन्होंने कहा- जबसे मैंने देशहित में बात की है, तभी से मुझ पर अत्याचार किए जा रहे हैं, शोषण किया जा रहा है। ये चीज पूरा देश देख रहा है। गैरकानूनी तरीके से मेरा घर तोड़ दिया गया। किसानों के हित में बात करने के लिए हर दिन न जाने मुझ पर कितने केस डाले जा रहे हैं। यहां तक कि मुझ पर हंसने के लिए भी एक केस हुआ है। कोरोना में मेरी बहन रंगोली ने डॉक्टरों पर हुए अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई थी तो उन पर भी केस हुआ है। उस केस में मेरा नाम भी डाल दिया गया, जबकि उस वक्त मैं ट्विटर पर थी भी नहीं। उस केस को चीफ जस्टिस ने रिजेक्ट भी कर दिया था। 

अगर राष्ट्रवादी बातें दबाई गईं तो सहनी पड़ेगी गुलामी :
कंगना ने आगे कहा- मुझसे कहा गया कि आपको पुलिस थाने जाकर हाजिरी लगानी पड़ेगी। किस बात की हाजिरी होगी, ये कोई बताने को तैयार नहीं। मैं सुप्रीम कोर्ट से पूछना चाहती हूं कि ये क्या मेडिवल एज (मध्यकाल) है, जहां पर औरतों को जिंदा जलाया जाता है। क्या वो किसी से कुछ बोल भी नहीं सकती, बात भी नहीं कर सकती। इस तरह के अत्याचार सारी दुनिया के सामने हो रहे हैं। मैं लोगों से यही कहना चाहती हूं, जो आज ये तमाशा देख रहे हैं, जिस तरह हजारों खून के आंसू गुलामी में सहे हैं, अगर राष्ट्रवादी बातों को दबाया गया तो यह फिर से सहना पड़ेगा।
 

Share this article
click me!