बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट सोशल मीडिया पर अपनी एक्टिविटी को लेकर काफी चर्चा में रहती हैं। उनके कुछ 'आपत्तिजनक' ट्वीट के आधार पर कोर्ट के आदेश पर मुंबई पुलिस ने कंगना के खिलाफ राजद्रोह, हिंसा फैलाने और सांप्रदायिक सोहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज किया था।
मुंबई. बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट सोशल मीडिया पर अपनी एक्टिविटी को लेकर काफी चर्चा में रहती हैं। उनके कुछ 'आपत्तिजनक' ट्वीट के आधार पर कोर्ट के आदेश पर मुंबई पुलिस ने कंगना के खिलाफ राजद्रोह, हिंसा फैलाने और सांप्रदायिक सोहार्द बिगाड़ने का मामला दर्ज किया था। अब इस मामले में सोमवार को एक्ट्रेस के वकील ने बॉम्बे हाई कोर्ट अब मामले की सुनवाई 26 फरवरी को करेगा और तब तक कंगना और उनकी बहन रंगोली को गिरफ्तारी से राहत दी गई है।
मेरे ट्वीट्स से नहीं फैली कोई हिंसा- कंगना
कंगना के वकील रिजवान सिद्दीकी ने जस्टिस एसएस शिंदे और मनीष पिटाले की बेंच को कहा कि कंगना ने अपने ट्वीट्स में कुछ भी गलत नहीं लिखा है और कहा कि बांद्रा मैजिस्ट्रेट के एफआईआर दर्ज कराए जाने वाले आदेश को रद्द किया जाए। एक्ट्रेस की तरफ से बोलते हुए सिद्दीकी ने कोर्ट से कहा कि 'बांद्रा कोर्ट का ऑर्डर बगैर सोचे-समझे दिया गया है। यहां तक कि जो आरोप उनके ऊपर लगाए गए हैं, उनसे कोई जुर्म साबित नहीं होता है। उनके किसी ट्वीट से पब्लिक की तरफ से कोई रिऐक्शन नहीं आया है। उनके कारण कोई हिंसा नहीं फैली है, इसलिए उन्हें कोई सजा नहीं मिल सकती है। आखिर ट्वीट्स के बाद क्या हुआ? क्या मैंने ट्वीट करके कोई जुर्म किया है?'
ये है पूरा मामला
बता दें कि कंगना और रंगोली के खिलाफ मंबई के बांद्रा पुलिस स्टेशन में 124A (राजद्रोह), 295ए और 153ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। बांद्रा कोर्ट ने कास्टिंग डायरेक्टर साहिल अशरफ सैय्यद की शिकायत के बाद कंगना और उनकी बहन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे।
एफआईआर के मुताबिक, कंगना और उनकी बहन रंगोली ने अपने ट्वीट्स के जरिए सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और महाराष्ट्र सरकार का नाम बदनाम करने का काम किया है। वहीं, कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया था कि कंगना लगातार बॉलीवुड को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से लेकर टीवी तक, हर जगह वह इंडस्ट्री के खिलाफ बोल रही हैं।