कैसे बंटता है फिल्मों का प्रॉफिट? करन जौहर ने दर्द बयां करते कहा- 50% तो एक्टर्स ले जाते हैं

करन जौहर ने एक हालिया बातचीत में ना केवल फिल्मों के प्रॉफिट के बंटवारे पर बात की, बल्कि आज के स्टार्स को लेकर भी बड़ी बात कही। उन्होंने स्टारडम और फेम के बीच अंतर भी समझाया।

एंटरटेनमेंट डेस्क. फिल्ममेकर करन जौहर (Karan Johar) ने एक बातचीत के दौरान फिल्म से होने वाले प्रॉफिट के बंटवारे के बारे में बात की। उन्होंने दर्द बयां करते हुए कहा कि किसी फिल्म का जो प्रॉफिट होता है, उसका 50 फीसदी हिस्सा एक्टर के पास जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि डिस्ट्रीब्यूटर्स के मुकाबले इन एक्टर्स के साथ मोल-तोल करना काफी कठिन होता है। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी साफ़ किया कि आज की जनरेशन के एक्टर्स के पास वैसा स्टारडम नहीं है, जैसा कि सलमान खान, शाहरुख़ खान और अक्षय कुमार जैसे स्टार्स के पास था।

प्रोड्यूसर पैसा कमाने वाला अंतिम व्यक्ति

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मास्टर्स यूनियन के पॉडकास्ट पर बात करते हुए करन जौहर ने कहा, "दुर्भाग्य से पाई मूवी स्टार्स के साथ होती है, जो कि नहीं होनी चाहिए। ऐसा नहीं है कि हर फिल्म स्टार हर वक्त पर फिल्म की शुरुआत कर सकता है। लेकिन आप उन्हें टॉप डॉलर्स का भुगतान कर रहे हैं। अगर डायरेक्टर बड़ा हुआ तो भी बंटवारा कुछ इस तरह होगा, 50 फीसदी स्टार को, 30 फीसदी डायरेक्टर को, कुछ लेखक को और प्रोड्यूसर अंतिम व्यक्ति होता है, जो पैसा कमाता है।"

आज की जनरेशन के पास स्टारडम नहीं

करन जौहर ने कहा, "हमारी आज की जनरेशन के किसी एक्टर का ऐसा कोई औरा और जादू नहीं है, जो कि शाहरुख़ खान, सलमान खान, आमिर खान, मिस्टर बच्चन (अमिताभ बच्चन), अक्षय कुमार, अजय देवगन और ऋतिक रोशन का था। वे अंतिम ऐसे स्टार थे, जिन्होंने स्टारडम देखा।" करन जौहर ने आगे कहा, "फेम और स्टारडम दो अलग चीजें हैं। आप एक यूट्यूबर और फेमस हो सकते हैं। लेकिन क्या आप सुपरस्टार हैं? क्या लोग आपकी वजह से रुकेंगे और लाइन में खड़े होंगे? अभी ऐसा नहीं हो रहा है।"

प्रॉफिट डिस्ट्रीब्यूशन ऐसा होता है

करन जौहर ने प्रॉफिट के डिस्ट्रीब्यूशन के बारे में समझाया। उन्होंने कहा, "सुपरस्टार्स के अर्थशास्त्र में 60-70 फ़ीसदी स्टार के पास जाता है। नॉन-सुपरस्टार्स के अर्थशास्त्र में 20, 30 फीसदी और इससे आगे जाता है। यदि डायरेक्टर बड़ा है तो फिर लेखक और टेक्नीशियन और उसके बाद यह बराबरी से बांटा जाता है। डिस्ट्रीब्यूटर्स के मुकाबले स्टार्स से निगोशिएट करना कठिन होता है। क्योंकि वे भ्रम का सामना कर रहे होते हैं। भ्रम एक तरह की बीमारी है, जिसकी कोई दवा नहीं है। मैं लोगों को सच बता सकता हूं कि आपने इतनी ओपनिंग की, आपकी पिछली चार फिल्मों का यह हाल रहा, अब आप मुझसे यह क्यों मांग रहे हैं? आप मुझसे उतना मांगिए, जितने से आपने ओपनिंग की।आपने 5 करोड़ रुपए से ओपनिंग की है तो मुझे आपको 5 करोड़ रुपए देने चाहिए।"

प्रोड्यूसर्स के लिए काम करना चाहिए

बकौल करन जौहर, "आप किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते या परेशान नहीं करना चाहते। क्योंकि आखिर में वे स्टार्स हैं। वे अपने नाजुक अहंकार के साथ आते हैं, अपने मैनेजमेंट के साथ आते हैं, जो कि कई बार बड़े स्टार होते हैं। मेरी खुद की मैनेजमेंट एजेंसी है और मैं उनसे कहता हूं कि प्लीज प्रोड्यूसर के लिए काम करिए, आपको एक्टर के लिए काम नहीं करना चाहिए। किसी अव्यवहारिक निर्माता की ना सही, कम से कम उस निर्माता की तो सुनो, जो आपको डेटा और एनालिसिस दे रहा है।"

तीन साल बाद डायरेक्टर बन लौट रहे

करन जौहर की प्रोड्यूसर के तौर पर पिछली फिल्म 'गोविंदा नाम मेरा' थी, जो OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई थी। डायरेक्टर के तौर पर वे तीन साल बाद 'रॉकी और रानी की प्रेम कहानी' से वापसी कर रहे हैं, जो इसी साल रिलीज होनी है।इस फिल्म में रणवीर सिंह और आलिया भट्ट लीड रोल में होंगे। इससे पहले उन्होंने 'घोस्ट स्टोरीज' का निर्देशन किया था, जो 2020 में OTT पर रिलीज हुई थी।

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