कर्ज में डूबे 'एक प्यार का नगमा' लिखने वाले संतोष आनंद, हो चुकी है जवान बेटे और बहू की मौत

80 के दशक के मशहूर गीतकार संतोष आनंद ने अपने समय में कई बॉलीवुड फिल्मों में बेहतरीन गाने दिए हैं। 81 साल के संतोष आनंद ने 'मोहब्बत है क्या चीज', 'इक प्यार का नगमा है', 'मेघ रे मेघा रे मत जा तू परदेश', 'जिंदगी की ना टूटे लड़ी प्यार कर ले घड़ी दो घड़ी' जैसे सदाबहार गाने इंडस्ट्री को दिए हैं।

मुंबई. 80 के दशक के मशहूर गीतकार संतोष आनंद ने अपने समय में कई बॉलीवुड फिल्मों में बेहतरीन गाने दिए हैं। 81 साल के संतोष आनंद ने 'मोहब्बत है क्या चीज', 'इक प्यार का नगमा है', 'मेघ रे मेघा रे मत जा तू परदेश', 'जिंदगी की ना टूटे लड़ी प्यार कर ले घड़ी दो घड़ी' जैसे सदाबहार गाने इंडस्ट्री को दिए हैं। हालांकि, अब उनका वो समय आ गया है जब वो काम नहीं कर सकते हैं वो बूढ़े हो चुके हैं और उनकी बूढ़े की लाठी पहले ही टूट चुकी है। उनके पास काम नहीं है। कर्ज में डूबे संतोष आनंद...

संतोष आनंद के बेटे संकल्प ने 2014 में सुसाइड कर लिया था। वो खुद अब शारीरिक रूप से लाचार हैं। संतोष आनंद इंडियन आइडल के सीजन 12 में संगीतकार प्यारेलाल के साथ नजर आने वाले हैं। उन्होंने उम्र के इस पड़ाव पर अपने संघर्ष को शेयर किया है। संतोष ने बताया कि उनके पास बिल चुकाने तक के पैसे नहीं हैं, उन्हें बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। 

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ऐसे शुरू किया था संतोष आनंद ने बॉलीवुड में करियर 

संतोष आनंद का जन्म बुलंदशहर के सिकंदराबाद में हुआ था। उन्होंने फिल्म 'पूरब और पश्चिम' से अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने अपना पहला गाना 'एक प्यार का नगमा है' लिखा था, जो 1972 की फिल्म 'शोर' में सुना गया था। इस गाने को मुकेश और लता मंगेशकर ने गाया था और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी ने इसे कंपोज किया था।

इसके बाद संतोष आनंद ने फिल्म 'रोटी कपड़ा और मकान' के लिए 'और नहीं बस और नहीं' और 'मैं ना भूलूंगा' जैसे गानों को लिखा था। इसके लिए संतोष को उनका पहला बेस्ट लिरिसिस्ट का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। इसके बाद उन्होंने 'क्रांति', 'प्यासा सावन' और 'प्रेम रोग' जैसी फिल्मों के लिए गाने लिखे। 'मोहब्बत है क्या चीज' वो गाना था, जिसने संतोष आनंद को उनका आखिरी फिल्मफेयर अवॉर्ड जिताया था। 

शादी के 10 साल बाद हुआ था बेटे का जन्म 

बताया जाता है कि संतोष और उनकी पत्नी को शादी के 10 साल बाद बेटा हुआ था, जिसका नाम उन्होंने संकल्प रखा था। संकल्प, गृह मंत्रालय में IAS अधिकारियों को सोशियोलॉजी और क्रिमिनोलॉजी पढ़ाते थे। वो काफी समय से मानसिक रूप से परेशान थे। संकल्प आत्महत्या से पहले 10 पेज का सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें होम डिपार्टमेंट के कई सीनियर अधिकारी और डीआईजी का नाम शामिल था। संकल्प ने आरोप लगाया था कि करोड़ों के फंड में गड़बड़ी के चलते इन अधिकारियों ने उन्हें सुसाइड के लिए मजबूर किया था।

नेहा कक्कड़ ने संतोष आनंद की मदद के लिए बढ़ाया हाथ

कहा जाता है कि संकल्प 15 अक्टूबर, 2014 को पत्नी के साथ दिल्ली से मथुरा पहुंचे थे, जिसके बाद दोनों ने कोसीकलां कस्बे के पास रेलवे ट्रैक पर पहुंचकर ट्रेन के सामने कूदकर जान दे दी थी। इस हादसे में उनकी बेटी की जान किसी तरह बच गई थी। बूढ़े संतोष की परेशानी को देखते हुए सिंगर नेहा कक्कड़ ने 5 लाख रुपए देने की घोषणा की है। नेहा के अलावा विशाल ददलानी ने भी संतोष आनंद से उनके लिखे गीत मांगे और कहा कि वो उन्हें रिलीज करेंगे।

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