जेल में कैसे गुजरे रिया चक्रवर्ती के 28 दिन, वकील सतीश मानशिंदे ने किया खुलासा

ड्रग्स मामले में गिरफ्तार रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) 7 अक्टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मुंबई की भायखला जेल से रिहा हो चुकी हैं। रिया 28 दिन बाद अपने घर पहुंचीं हैं। उन्हें लेने के लिए उनके माता-पिता जेल आए थे। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 8, 2020 8:38 AM IST

मुंबई। ड्रग्स मामले में गिरफ्तार रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) 7 अक्टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद मुंबई की भायखला जेल से रिहा हो चुकी हैं। रिया 28 दिन बाद अपने घर पहुंचीं हैं। उन्हें लेने के लिए उनके माता-पिता जेल आए थे। जमानत मिलने के बाद रिया 7 अक्टूबर को करीब 5 बजे भायखला जेल से रिहा हो गई थीं। हालांकि घर के बाहर मीडिया का जमावड़ा देखते हुए वे देर रात करीब एक बजे परिवार के साथ घर पहुंचीं।

- रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे ने एक इंटरव्यू में बताया कि रिया ने जेल में अपने दिन कैसे बिताए। 
- मानशिंदे ने कहा कि रिया ने जेल में रहने के दौरान खुद को पॉजिटिव रखने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ''मैं पर्सनली कई सालों बाद अपने किसी क्लाइंट को देखने के लिए जेल पहुंचा था। 
- मानशिंदे के मुताबिक, मैं देखना चाहता था कि वो किस हाल में है। रिया ने जेल में अपना ख्याल रखा। वो जेल में बाकी कैदियों को योग सिखाकर अपना समय काटती थीं।
- कोरोना की वजह से रिया को घर का खाना भी नहीं मिल सकता था। वह बाकी कैदियों की तरह ही आम सुविधाओं के बीच रही। 
- एक आर्मी फैमिली से जुड़ी होने के नाते उन्होंने इस स्थिति का बखूबी सामना किया और अब वह हर उस इंसान को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं जो उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा। 
- रिया सिर्फ इसलिए डरी हुई थीं क्योंकि उनके पीछे उनकी फैमिली है। मानशिंदे ने कहा, मीडिया चैनल्स उनके पीछे इसलिए पड़े रहे क्योंकि उन्हें टीआरपी चाहिए थी। 

Sushant Singh Rajput case: Defer statement recording till SC hears plea,  says Rhea Chakraborty to ED- The New Indian Express

वहीं, सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह के बेटे वरुण सिंह ने कहा है, चूंकि मास्टरमाइंड (रिया) अभी जमानत पर बाहर है। यह एनसीबी और सुशांत मामले के लिए एक बड़ा झटका है। एजेंसी देश में 1.35 लाख करोड़ के ड्रग सिंडिकेट को लेकर जांच कर रही थी, ऐसे में जो लोग इस अपराध सिंडिकेट के सदस्य हैं उन्हें इससे बड़ी राहत मिली है। उन्होंने यह भी कहा कि अब सबूतों के साथ छेड़छाड़ भी हो सकती है और गवाहों को प्रभावित करने का काम भी हो सकता है।
 

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