कमजोर कहानी और पुराने गानों का रीमेक है सैफ की 'जवानी जानेमन', इन वजहों से मिले 2.5 स्टार

सैफ अली खान, अलाया फर्नीचरवाला और तब्बू स्टारर फिल्म 'जवानी जानेमन' शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज की जा चुकी है। इसका डायरेक्शन नितिन कक्कड़ ने किया है। इसमें समाज में रिश्तों के बदलते पैमीनों की कहानी को दिखाने की कोशिश की गई है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 31, 2020 6:09 AM IST

फिल्म- जवानी जानेमन

डायरेक्शन- नितिन कक्कड़

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स्टारकास्ट- सैफ अली खान, अलाया फर्नीचरवाला, तब्बू 

मुंबई. सैफ अली खान, अलाया फर्नीचरवाला और तब्बू स्टारर फिल्म 'जवानी जानेमन' शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज की जा चुकी है। इसका डायरेक्शन नितिन कक्कड़ ने किया है। इसमें समाज में रिश्तों के बदलते पैमीनों की कहानी को दिखाने की कोशिश की गई है। मूवी को क्रिटिक्स से मिलाजुला रिएक्शन मिल रहा है। 'जवानी जानेमन' कमजोर कहानी और पुराने गानों का रीमिक्स है। इसे क्रिटिक्स 5 में से 2.5 स्टार दे रहे हैं। ऐसे उन वजहों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे मूवी को इतने स्टार दिए गए। 

कहानी

'जवानी जानेमन' को विदेशी पृष्ठभूमि पर तैयार किया गया है। इसमें 40 साल का जसविंदर सिंह उर्फ जैज यानी की सैफ अली खान को लड़कियों के साथ फ्लर्ट करते हुए दिखाया गया है। वो मूलरूप से कमिटमेंट से दूर भागनेवाला दिलफेंक शख्स हैं। वो शादी, बाल-बच्चे और जिम्मेदारीयों से दूर भागते हैं। वो बस अपनी लाइफ को आजादी से जीना चाहते हैं। ब्रोकर का काम करने वाले जैज का काफी वक्त तक क्लब में शराब पीकर और लड़कियों के साथ रात गुजारने बीत जाता है फिर अचानक उनकी 21 साल की बेटी टिया यानी की अलाया फर्नीचरवाला आती हैं। दूसरी लड़कियों की तरह ही जैज उनके साथ भी फ्लर्ट करना चाहते हैं। लेकिन वो फ्लर्ट नहीं कर पाता क्योंकि वो उसकी बेटी होती है। इस बात से मानों जैज के सिर पर पहाड़ टूट पड़ा हो। इसके आगे इसकी पूरी कहानी रिश्ते और जिम्मेदारियों में ही फंसी रह जाती है। कहीं ना कहीं इसकी कहानी में पुरानापन दिखता है और कमजोर पड़ती दिखती है। 

फिल्म कही कहानी फर्स्ट हाफ में तेजी से भागती है और सेकंड हाफ में स्लो होती नजर आती है। इसकी वजह से दर्शक सिनेमाघरों में कुर्सी से बंधे नहीं रह पाते हैं।

डायरेक्शन

फिल्म का डायरेक्शन कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि ठिक-ठाक है। क्योंकि जिस तेजी से फिल्म की कहानी फर्स्ट हाफ में भागती है वहीं, दूसरे हाफ में कमजोर और धीमी पड़ती नजर आती है। नितिन कक्कड़ की कहानी भले ही आज के समय के हिसाब से है पर नएपन के नाम पर बस उसमें विदेशी पृष्ठभूमि को दिखाया गया है। 

सॉन्ग 

'जवानी जानेमन' के अगर गानों की बात की जाए तो इसमें पुराने गानों का रीमेक किया गया है, जिसे सुनने के बाद पुराने दिनों की याद जरूर आ जाती है, लेकिन अगर गानों में नएपन की बात करें तो इसमें नया कुछ भी नहीं है। 

एक्टिंग

सैफ अली खान ने 40 साल के जैज के किरदार के साथ पूरी तरह से न्याय करने की कोशिश की, लेकिन वो कई जगहों पर उसमें असफल नजर आए। हालांकि, इसमें वो यंग जोश और फूर्तीले देखने के लिए मिलते हैं, जैज जो लाइफ जीना पसंद करता है उसी तरीके से सैफ मे दिखाने की कोशिश की है। वहीं, अलाया ने भी अपने किरदार को बखूबी निभाने की कोशिश की है। वो फिल्म में नया चेहरा थीं तो लोगों का ध्यान आकर्षित करने में कुछ हद तक कामयाब रही हैं। इसके साथ ही फिल्म के सपोर्टिंग एक्टर्स की एक्टिंग भी ठिक-ठाक रही है। 

गौरतलब है कि सैफ की फिल्म 'जवानी जानेमन' 'तान्हाजी' की तरह नहीं परफॉर्म कर पाई। तान्हाजी में सैफ की एक्टिंग, किरदार और लुक की लोगों ने जमकर तारीफ की थी। इससे कहीं ना कही ये कहा जा सकता है कि सैफ को फैंस फिल्म 'रेस' और 'तान्हाजी' वाले लुक और किरदार में ही देखना पसंद करते हैं। 'रेस 2' के बाद उन्होंने कई सारी फ्लॉप फिल्में की। इससे उनका करियर थोड़ा डगमगाया लग रहा है और 'जवानी जानेमन' इसे उठाने में कामयाब नहीं रह पाएगी। 

 

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