सुशांत सिंह राजपूत का 14 जून 2020 को निधन हो गया था। वे बॉलीवुड के उभरते सितारों में से एक थे। कम ही समय में उन्होंने दर्शकों के बीच अपनी अच्छी पकड़ बना ली थी। लेकिन उनके एक्टर बनने का सफ़र दिलचस्प है।
एंटरटेनमेंट डेस्क. सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) अब इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन उनकी यादें अब भी लोगों के जेहन में ताजा हैं। उनके कई हैरान करने वाले किस्से मीडिया में छाए हुए हैं और ऐसा ही एक किस्सा तब का है, जब वे दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज में बी. टैक की पढ़ाई कर रहे थे। उस वक्त सुशांत ने एक रेहड़ी खरीद ली थी और वे मूंगफली बेचने लगे थे। लेकिन ऐसा नहीं था कि वे गरीब थे तो उन्हें गुज़ारे के लिए यह सब करना पड़ा। बल्कि इसके पीछे की वजह कुछ और ही थी और 2015 में खुद सुशांत ने इसका खुलासा किया था।
लड़कियों तक पहुंचने के लिए बेंचते थे मूंगफली
दरअसल, 2015 में सुशांत स्क्रीन राइटर निरंजन अयंगर के टॉक शो 'लुक हु इज टॉकिंग विद निरंजन अयंगर सीजन 2' में पहुंचे थे। सुशांत ने इस दौरान बताया था कि जब वे दिल्ली इंजीनियरिंग कॉलेज में पहुंचे तो उन्हें कैंपस तो बड़ा मिल गया। लेकिन वहां कोई लड़की नहीं थी। उनके मुताबिक़, उस वक्त लड़कियां इंजीनियरिंग कम ही करती थीं। इसलिए वे लड़कियों की तलाश में दूसरे कॉलेज जाया करते थे।
सुशांत ने कहा था, "आपको यह कहानी सुनकर हैरानी होगी। मैं अपने दोस्तों के साथ मूंगफली बेचता था, ताकि लड़कियों को तलाश सकूं। इसी दौरान किसी ने मुझे सलाह दी कि डांस क्लास में कई हॉट लड़कियां आती हैं। इसलिए मैंने श्यामक डावर की डांस क्लास जॉइन कर ली और सभी बड़े स्टार्स के पीछे और सभी बड़े अवॉर्ड्स इवेंट्स में डांस किया। उस वक्त मुझे पता था कि मैं एक दिन सबसे आगे रहूंगा।"
श्यामक डावर ने दिया एक्टर बनने का कॉन्फिडेंस
टॉक शो में सुशांत ने यह भी बताया था कि उन्हें एक्टर बनने का कॉन्फिडेंस श्यामक डावर ने ही दिया था। बकौल सुशांत, "वे मुझे कहते थे कि उनके बेहतरीन डांसर्स में से एक न होने के बावजूद वह मुझे सबसे आगे रखते थे, क्योंकि मुझे दर्शकों को आकर्षित करने का चार्म था।"
बैरी जॉन को भी जाता है सुशांत को एक्टर बनाने का क्रेडिट
सुशांत को एक्टर बनाने का क्रेडिट उनके थिएटर गुरु बैरी जॉन को भी जाता है। उन्होंने 2011 में एक बार बताया था, "पूरा श्रेय मेरे थिएटर गुरु बैरी जॉन को जाता है, जिन्होंने पहले 6 महीनों तक अपनी डायरी में नोट लिखने के अतिरिक्त मुझसे मेरे परफॉर्मेंस के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा। लेकिन मेरी ग्रैजुएशन के अंत में मुझे बी ग्रेड मिला और बाकी लोगों को सी-ग्रेड। बैरी ने मुझे एक तरफ बुलाया और कहा, 'तुम अच्छे हो। अपने करियर के विकल्प के रूप में एक्टिंग के बारे में सोचो।' उसके बाद मैंने कभी पलटकर नहीं देखा।"
ढाई साल तक मुंबई में छोटे -मोटे जॉब करते रहे
सुशांत जब मुंबई आए तो उन्होंने पहले ढाई साल तक छोटे-मोटे जॉब किए और नादिरा बब्बर के थिएटर ग्रुप 'एकजुट' के साथ काम करते रहे। 2008 में उन्हें सेकंड लीड के तौर पर पहला शो 'किस देश में है मेरा दिल' और उसके बाद 2009 में 'पवित्र रिश्ता' में लीड रोल मिला। सुशांत की पहली बॉलीवुड फिल्म 2013 में आई 'काई पो छे' थी।
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