तालिबान पर मुंह खोल ट्रोलर के टारगेट पर आ गए जावेद अख्तर, कंगना रनोट का भी आ चुका है डर वाला बयान

तालिबान (Taliban) ने पूरे अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा जमा लिया है। वहां की जनता तालिबानी शासन के डर से देश छोड़कर भाग रही है। इन सबके बीच जावेद अख्तर (Javed Akhtar) और उनकी पत्नी शबाना आजमी (Shabana Azmi) ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है।

Asianet News Hindi | Published : Aug 17, 2021 6:56 AM IST

मुंबई। तालिबान (Taliban) ने पूरे अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा जमा लिया है। वहां की जनता तालिबानी शासन के डर से देश छोड़कर भाग रही है। इन सबके बीच जावेद अख्तर (Javed Akhtar) और उनकी पत्नी शबाना आजमी (Shabana Azmi) ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। जावेद अख्तर ने अपने ट्वीट में सीधे-सीधे अमेरिका पर निशाना साधा। हालांकि, उनके इस ट्वीट पर लोग उन्हें ही ट्रोल कर रहे हैं। 

जावेद अख्तर ने ट्वीट करते हुए लिखा- अमेरिका कैसा सुपरपावर है कि वो क्रूर तालिबान को भगा नहीं पाया। ये किस तरह की दुनिया है, जिसने अफगानी औरतों को तालिबानियों के पास छोड़ दिया है। शर्म आनी चाहिए उन पश्चिमी देशों को, जो खुद को मानव अधिकारों के रक्षक होने का दंभ भरते हैं। 

 

जावेद अख्तर के इस ट्वीट पर एक शख्स ने कमेंट करते हुए लिखा- अफगानी महिलाएं, कश्मीरी और फिलिस्तीनियों से अलग कैसे हैं? क्या उन पर कट्टपंथियों ने अत्याचार नहीं किए? इस पर जावेद अख्तर ने कहा- क्या आप ये बता रहे हैं कि कुछ दूसरी जगहों पर भी औरतों के साथ क्रूरता होती है, इसलिए तालिबानों का विरोध और निंदा नहीं करनी चाहिए। ये कैसा लॉजिक है?

 

वहीं एक और शख्स ने जावेद अख्तर के ट्वीट पर कहा- लेकिन जावेद साहब वो तो शरिया कानून लागू करना चाहते हैं। फिर दिक्कत कहां है? जिन्हें इंडिया में डर लगता है वो वहां इस्लामिक प्रैक्टिस कर सकते हैं। वहीं एक अन्य यूजर ने कहा- जब यही तालिबान बामियान में "भगवान बुद्ध" की मूर्ति तोड़ रहे थे, तब आप कहां थे..जब ये बर्बर, हिन्दुओं की हत्या और बलात्कार कर रहे थे, तब आप कहां थे..और आज जागे भी तो पीड़ित का "मजहब" देखकर। मासूमियत भी ऐसी कि पूरी "दुनिया" को दोष दे डाला, पर उस कट्टर "विचारधारा" को नहीं। 

शबाना आजमी ने तालिबान को बताया धर्मांध : 
शबाना आजमी ने लिखा- इतिहास ने हमें सिखाया है कि धर्मान्ध लोग पहले धर्म के नाम पर संस्कृति पर अटैक करते हैं। याद है कि कैसे तालिबान ने छठी शताब्दी में बामियान में मूर्तियों को तोड़ा था। यह क्रूरता की ओर इशारा करता है। 

ये कल को हमारे साथ भी हो सकता है : 
कंगना रनोट (Kangana Ranaut) ने अफगानिस्तान के हालात को देखते हुए अपनी बात रखी। उन्होंने एक फोटो शेयर करते हुए लिखा- आज हम चुप रहकर देख रहे हैं लेकिन कल ये हमारे साथ भी हो सकता है। क्या आप जानते हैं कि इस्लामिक राष्ट्र बनने से पहले अफगानिस्तान एक हिंदू और बुद्धिस्ट राष्ट्र था। याद रखें कि पाकिस्तान तालिबान को पालता है और अमेरिका उसे हथियार देता है। तालिबान हमारे कितने पास आ गया है। यह कल को हमारे साथ भी हो सकता है अगर मोदी जी न हों तो। 

 

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