बप्पी लाहिड़ी को कभी अलविदा नहीं कहा जा सकता है। वो अपने गानों और संगीत के जरिए हमारे दिलों में धड़कता रहेगा। वेटरन एक्ट्रेस रीना रॉय ने उन से जुड़ी कई कहानियां साझा की।
मुंबई. 69 साल के बप्पी लाहिड़ी (Bappi lahiri) के निधन से पूरा फिल्म इंडस्ट्री सदमे में है। उन्होंने मुंबई के क्रिटिकेयर हॉस्पिटल में अंतिम सांस लीं। बप्पी दा अब भले ही हमारे बीच में नहीं हैं। लेकिन वो अपने संगीत और गानों के जरिए हमारे बीच हमेशा धड़कते रहेंगे। उन्हें कभी अलविदा नहीं कहा जा सकता है। बप्पी लाहिड़ी से जुड़ी कई कहानियां हैं। उसी में से एक कहानी को वेटरन एक्ट्रेस रीना रॉय ( Reena Roy) ने साझा किया।
रीना रॉय की मानें तो बप्पी लाहिड़ी एक आदर्श बेटे थे। ईटाइम्स से बातचीत में एक्ट्रेस ने कहा कि मैंने बप्पी लाहिड़ी के साथ दो फिल्में 'मधोश' (1974) और 'जख्मी' (1975) की। वह अपने माता-पिता के आदर्श बेटे थे। बप्पी बहुत ही मासूम थे। एक्ट्रेस ने आगे बताया कि जब हम किसी बाहरी लोकेशन पर शूटिंग कर रहे होते थे तो वह हर समय अपनी मां के साथ आते थे। वह बेहद प्रतिभाशाली थे, इसमें कोई शक नहीं। एक्ट्रेस ने बताया कि फिल्म 'जख्मी' का 'जलता है जिया मेरा भीगी रातों में' मेरे लिए एक यादगार गाना है। भगवान उसकी आत्मा को शांति दें।
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लता मंगेशकर की गोद में खेले थे बप्पी दा
बप्पी लाहिड़ी लता मंगेशकर ( Lata Mangeshkar) के बेहद करीब थे। बचपन में उनके गोद में वो खेले थे। बप्पी दा ने इस इंटरव्यू में बताया था कि जब मैं महज 4 साल का था तब लता जी हमारे कोलकाता में ईडन गार्डन स्थित घर आई थीं। उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया था, उनकी गोद में बैठे हुए की तस्वीर आज भी मेरे पास है। उन्होंने कहा था लता मंगेशकर ने उनके करियर को आगे बढ़ाने में मदद की थीं।
17 फरवरी को किया जाएगा अंतिम संस्कार
बता दें कि 80 और 90 के दशक में भारत में डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाने वाले गायक-संगीतकार बप्पी लाहिड़ी का अंतिम संस्कार 17 फरवरी यानी गुरुवार को सांताक्रूज के पवन हंस श्मशान घाट पर किया जाएगा। अंतिम क्रिया की विधि लाहिड़ी हाउस से सुबह 10 बजे शुरू होगी।
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