Budget 2022: राष्‍ट्रपति ने कहा, जल्‍द पूरा होगा दिल्‍ली-मुंबई एक्‍सप्रेस वे, जानिए इसकी लागत और खासियत

Budget 2022: नेशनल हाईवे (National Highway) की लंबाई बढ़कर 1 लाख 40 हजार किलोमीटर हो चुकी है। ग्रीन कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। साथ दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) का भी निर्माण हो रहा है। यह देश का सबसे लंबा हाईवे होगा।

Asianet News Hindi | Published : Jan 31, 2022 7:07 AM IST / Updated: Jan 31 2022, 01:38 PM IST

Budget 2022: देश के राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind)  ने अपने अभ‍िभाषण में नेशनल हाईवे (National Highway) पर बात करते हुए कहा कि देश में नेशनल हाईवे की लंबाई बढ़कर 1 लाख 40 हजार किलोमीटर हो चुकी है। ग्रीन कॉरिडोर बनाए जा रहे हैं। साथ उन्‍होंने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai Expressway) का जिक्र किया। जिस पर उन्‍होंने कहा कि यह देश का सबसे लंबा हाईवे होगा। जिसके जल्‍द पूरे होने की उम्‍मीद है। आइए आपको भी बताते हैं कि आख‍िर इसकी शुरूआत कब हुई थी। यह हाईवे दिल्‍ली से मुंबई और मुंबई से दिल्‍ली लोगों को कितनी देर पहुंचाएगा। साथ आम लोगों को इससे कितना फायदा होगा।

देश के कई इकोनॉमिक हब को जोड़ेगा यह एक्‍सप्रेस वे
दिल्‍ली मुंबई हाईवे प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी। जिसका फाउंडेशन स्‍टोन 9 मार्च 2019 को रखा गया था। इस एक्सप्रेस-वे से जयपुर, अजमेर, किशनगढ़, चित्तौड़गढ़, कोटा, उददयपुर, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, वडोदरा, अहमदाबाद और सूरत जैसे देश के दर्जनों इकोनॉमिक हब में सफर करना काफी आसाना हो जाएगा। इस एक्‍सप्रेस वे की लंबाई 1380 किलोमीटर है। इस हाईवे के कंस्‍ट्रक्‍शन के लिए रास्‍ते में आने वाले राज्यों में 15 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन एक्‍वायर की गई है।

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क्‍या है इस एक्‍सप्रेस-वे की खासियत
- मौजूदा समय में यह एक्सप्रेस-वे आठ लेन का है, जिसे ट्रैफ‍िक लोड के अनुसार 12 लेन तक किया जा सकता है।
- इस एक्सप्रेस-वे के किनारे रिजॉर्ट्स, फूड कोर्ट्स, रेस्तरां, फ्यूल स्टेशंस, लॉजिस्टिक पार्क और ट्रक वालों के लिए फैसिलिटीज जैसी सुविधाएं होगी।
- अगर कोई एक्सीडेंट होता है तो हेलीकॉप्टर एंबुलेंस सर्विस होगा और हेलीपोर्ट की सुविधा होगा, जिससे बिजनेस के लिए ड्रोन सर्विसेज का प्रयोग किया जाएगा।
- हाईवे पर 20 लाख से अधिक पेड़ों व झाड़ियों को लगाने की योजना है।
- यह एशिया का पहला और दूसरा हाईवे प्रोजेक्ट है जिसमें जानवरों के लिए भी रास्ते बनाए जाएंगे ताकि वाइल्डलाइफ असर ना पड़े।
- प्रोजेक्ट के तहत आठ लेन वाली दो सुरंगों का भी निर्माण होगा।
- इस हाई से सालाना 32 लाख लीटर से अधिक ऑयल सेविंग होगी और कॉर्बन डाई ऑक्साइड उत्सजर्न में 85 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी।
- इस प्रोजेक्‍ट में 12 लाख टन स्टील का यूज होगा और जिससे देश में 50 हावड़ा ब्रिज बनाए जा सकते हैं।
- प्रोजेक्ट के तहत 80 लाख टन सीमेंट की खपत होगी जो देश में सालाना सीमेंट उत्पादन का करीब 2 फीसदी है।
- इस एक्सप्रेस-वे के चलते 50 लाख से अधिक दिनों के काम के साथ हजारों प्रशिक्षित सिविल इंजीनियरों को रोजगार मिला है।

 

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