नोबेल पुरस्कार के लिये चुने गये अभिजीत बनर्जी ने मंगलवार को भारत में बैंक संकट को लेकर चिंता जतायी और स्थिति से निपटने के लिये बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से नीचे लाने समेत कुछ आक्रमक बदलाव किए जाने का आह्वान किया।
नई दिल्ली. नोबेल पुरस्कार के लिये चुने गये अभिजीत बनर्जी ने मंगलवार को भारत में बैंक संकट को लेकर चिंता जतायी और स्थिति से निपटने के लिये बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से नीचे लाने समेत कुछ आक्रमक बदलाव किए जाने का आह्वान किया।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि संकट से पार पाने के लिये महत्वपूर्ण और आक्रमक बदलाव लाने की जरूरत है।
बनर्जी ने कहा कि बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से नीचे लाने की जरूरत है ताकि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की आशंका के बिना निर्णय किये जा सके।
देश में बैंक करीब पांच साल से उच्च मात्रा में फंसे कर्ज की समस्या से जूझ रहे हैं। इसके कारण बैंकों का नेटवर्थ कम हो रहा है। इतना ही नहीं पंजाब एंड महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) के साथ क्षेत्र में घोटाले समस्या को बढ़ा रहे हैं।
इससे पहले, अगस्त में केंद्रीय सतर्कता आयोग ने पूर्व सतर्कता आयुक्त टी एम भसीन की अध्यक्षता में बैंक धोखाधड़ी के लिये परामर्श बोर्ड का गठन किया। बोर्ड का काम 50 करोड़ रुपये से अधिक की बैंक धोखाधड़ी की जांच करना और कार्रवाई के बारे में सुझाव देना है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)