पीआर और एंटरटेनमेंट कार्याक्रमों के आयोजन की सेवाएं देने वाले उद्योग ने सरकार से तत्काल मदद का आग्रह करते हुए कहा है कि इस क्षेत्र में 6 करोड़ लोग काम करते हैं
मुंबई: पीआर और एंटरटेनमेंट कार्याक्रमों के आयोजन की सेवाएं देने वाले उद्योग ने सरकार से तत्काल मदद का आग्रह करते हुए कहा है कि इस क्षेत्र में 6 करोड़ लोग काम करते हैं और कोरोना वायरस महामारी के चलते लगी पाबंदियों के कारण इस उद्योग का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है।
उनके संगठ इवेंट एंड एंटरटेनमेंट मैनेजमैंट एसोसिएशन के अनुसार उद्योग से जुड़े 6 करोड़ कर्मचारियों में से एक करोड़ सीधे तौर पर प्रभावित हैं और उनकी रोजी-रोटी खतरे में है। इसका कारण कोरोना वायरस महामारी के कारण सभी बड़े राष्ट्रीय कार्यक्रम या तो टल गये हैं या फिर रद्द हो गये हैं। एसोसिएशन ने कहा कि पिछले दो महीनों में ही कम-से-कम 3,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।
कारोबार पर पड़ा बुरा असर
संगठन ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी से उनके कारोबार पर बुरा प्रभाव पड़ा है। कई वैश्विक और राष्ट्रीय कार्यक्रम टल गये हैं या फिर स्थगित हो गये हैं।’’उसने कहा, ‘‘यह प्रतिकूल प्रभाव आने वाले महीनों में भी जारी रहने की आशंका है। क्षेत्र में काम करीब 100 इकाइयों के बीच किये गये सर्वे के अनुसार सिर्फ दो महीनो में ही 3,000 से 5,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।’’
कई प्रदर्शनी कार्यक्रम रद्द हुए
महामारी के कारण सार्वजनिक, निजी सम्मेलनों के अलावा अंतरराष्ट्रीय बैठकें, सम्ममेलन और प्रदर्शनी कार्यक्रम रद्द हुए हैं। इससे उद्योग हिल गया है। उद्योग में एक करोड़ लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला हुआ है। जबकि 5 करोड़ लोगों को होटल, पर्यटन, विज्ञापन और विपणन उद्योग जैसे संबद्ध क्षेत्रों में परोक्ष रूप से रोजगार मिला हुआ है।
हाल में जो बड़े कार्यक्रम रद्द हुए हैं, उनमें आईपीएल, आईआईएफए, इंडिया गेमिंग एक्सपो, इंडिया फैशन वीक, गोवा फेस्ट, पीयू टेक, आईटीबी इंडिया, इंडिया फिनटेक फेस्टिवल भारती-दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट मैच, इंडिया टुडे सम्मेलन आदि शामिल हैं।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(प्रतीकात्मक फोटो)