अनिल अंबानी के सभी मामले एक जगह ट्रांसफर होने के बाद सुनाया जाएगा फैसला : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications) के चेयरमैन अनिल अंबानी (Anil Ambani) जैसे कॉरपोरेट कर्जदारों के व्यक्तिगत गारंटर के मामलों को एक जगह ट्रांसफर किया जाएगा। 
 

Asianet News Hindi | Published : Oct 29, 2020 8:15 AM IST / Updated: Oct 29 2020, 02:58 PM IST

बिजनेस डेस्क। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि रिलायंस कम्युनिकेशंस (Reliance Communications) के चेयरमैन अनिल अंबानी (Anil Ambani) जैसे कॉरपोरेट कर्जदारों के व्यक्तिगत गारंटर के मामलों को एक जगह ट्रांसफर किया जाएगा। इसके बाद ही इस पर कोई फैसला सुनाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिवालियापन की कार्यवाही को चुनौती देने वाले जो मामले अलग-अलग हाईकोर्ट में दर्ज हैं, उन्हें एक जगह ट्रांसफर करने की जरूरत है। 

जज एल नागेश्वर राव की बेंच ने लिया फैसला
यह फैसला जज एस नागेश्वर राव की अगुआई वाली बेंच ने लिया है। बेंच ने ऐसे सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड विकास मेहता के माध्यम से भारतीय दिवाला एवं दिवालियापन बोर्ड (Insolvency and Bankruptcy Board of India) की ओर से दायर याचिका पर यह फैसला लिया है। कॉरपोरेट देनदारों के व्यक्तिगत गारंटर के रूप में दिवालियापन की कार्यवाही का सामना करने वालों में ललित जैन, योगेश मेहरा, अतुल पुंज, बाला छाबड़ा, महेंद्र कुमार राजपाल, अजय मेहरा, संजय और आरती सिंघल शामिल हैं।

इन हाईकोर्ट में हैं मामले
कॉरपोरेट देनदारों के व्यक्तिगत गारंटर से जुड़े मामले मध्य प्रदेश, तेलंगाना और दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित हैं। हाईकोर्ट ने अंतिम सुनवाई होने तक आईबीसी (Insolvency and Bankruptcy Code) की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ये अंतरिम आदेश फिलहाल जारी रहेंगे। वहीं, दिवालियापन बोर्ड का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल माधवी दीवान ने बेंच को बताया कि इन मामलों को एक जगह लाना चाहिए। 

हाईकोर्ट में जल्द फैसला होने की उम्मीद कम
अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम (Reliance Communications) को कर्ज देने वाले भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा है कि इस मुद्दे पर हाईकोर्ट में जल्दी फैसला नहीं किया जाएगा। वहीं, ज्यादातर व्यक्तिगत गारंटर्स के लिए वकीलों ने तबादले का विरोध किया। इस मामले में आज कोई आदेश आ सकता है।   

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