Family Pension And Gratuity को लेकर हुआ बड़ा बदलाव, यहां है पूरी डिटेल

यदि सरकारी कर्मचारी के खिलाफ डिसपिलिनरी एक्‍शन (Disciplinary Action) हुआ है, तो उसे एक स्‍पेसिफ‍िक टाइम के लिए कम वेतन मिलेगा। यदि उक्‍त पीरियड में कर्मचारी की मौत हो जाती  है तो यह पारिवारिक पेंशन और डेथ ग्रेच्‍युटी (Family Pension and Death Gratuity) की कैलकुलेशन नेगेटिव इंपैक्‍ट नहीं डालेगा।

बिजनेस डेस्‍क। पेंशन और पेंशनभोगी  कल्याण विभाग (Department of Pension and Pensioners Welfare) ने 9 दिसंबर, 2021 के एक कार्यालय ज्ञापन के माध्यम से, पारिवारिक पेंशन और डेटा ग्रेच्‍युटी (Family Pension and Death Gratuity) की कैल्‍कुलेशन से संबंध‍ित नियमों में बदलाव करते हुए एक ऑर्डर जारी किया है। इस ऑर्डर के तहत अगर किसी कर्मचारी की मौत, ऐसे समय पर होती है जिस समय वो किसी दंड के माध्‍यम से कम सैलरी पा रहा हो, तो उसकी डेथ ग्रेच्‍युटी और पेंशन की कैलकुलेशन उसी सैलरी पर की जाएगी, जो उसे दंड मिलने से पहले मिल रही थी। इससे पहले विभाग के सामने ऐसे मामलों को लेकर काफी समस्‍या पैदा हो रही थी।

यह आ रही है समस्‍या
मेमोरंडम के अनुसार यह देखा गया है कि अगर किसी कर्मचारी की मौत ऐसे समय पर होती है जब उसे दंड स्‍वरूप कम सैलरी मिल रही और उसकी डेथ ग्रेच्‍युटी और पेंशन का आधार कम सैलरी को ही मान लिया जाए। अगर ऐसा होता है तो मृतक कर्मचारी के परिवार के साथ काफी नाइंसाफी होगी। वहीं कोई अध‍िकारी इस मकसद से किसी कर्मचारी दंड नहीं देता है और ना ही अधकिारी इको स बात की जानकारी होती है कि इस अवध‍ि में उसकी मौत हो जाएगी।

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अब लिया गया है फैसला
मेमोरेंडम में जानकारी दी गई है कि अब ऐसे मामलों में जहां एक सरकारी कर्मचारी की मृत्यु पेनाल्‍टी पीरियड में हो जाती है, जिसके समाप्त होने पर उसे वही वेतन प्राप्त होता जो उस पर जुर्माना लगाने ना लगने के दौरान मिलता। ऐसे सरकारी कर्मचारी के संबंध में पेंशन और डेथ ग्रेच्‍युटी का निर्धारण उस काल्पनिक वेतन के आधार पर किया जाएगा जिसका वह मृत्यु की तारीख को हकदार होता। इस आदेश को तत्‍काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। साथ ही पुराने मामलों को दोबारा नहीं खोला जाएगा। वैसे ऐसे मामलों को कंसीडर किया जा सकता है जिनका अभी पेंशन और डेथ ग्रेच्‍युटी को लेकर निर्धारण नहीं किया गया है।

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उदाहरण से समझने का करते हैं प्रयास
उदाहरण के लिए, काल्पनिक रूप से, मान लीजिए कि जुर्माना चार महीने के लिए लगाया जाता है, जैसे अक्टूबर से जनवरी तक और सरकारी कर्मचारी का वेतन 15 हजार रुपए से 10,000 रुपए हो जाता है। अब यदि सरकारी कर्मचारी की दिसंबर में मृत्यु हो जाती है, तो सरकारी कर्मचारी के परिवार के सदस्यों के लिए पारिवारिक पेंशन और मृत्यु ग्रेच्युटी की गणना 15,000 रुपए के आधार पर की जाएगी, न कि 10,000 रुपए (जुर्माना वेतन) के आधार पर।

 

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