एक जनवरी से GST Rates में होगा बड़ा फेरबदल, कपड़ों से लेकर जूतों तक यह सब हो जाएगा महंगा

एक जनवरी से सभी फुटवियर (Footwear) पर 12 फीसदी जीएसटी (GST) लगेगा, जबकि रेडीमेड कपड़ों (Readymade Cloths) सहित कपास को छोड़कर सभी कपड़ा उत्पादों पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा।

Asianet News Hindi | Published : Dec 27, 2021 7:44 AM IST

बिजनेस डेस्‍क। जीएसटी व्यवस्था में 1 जनवरी से कई टैक्‍स के रेट और प्रोसीजरल चेंजेस लागू होंगे, जिसमें ई-कॉमर्स ऑपरेटर्स (E-Commerce) पर पैसेंजर्स ट्रांसपोर्ट या रेस्तरां सर्विस के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सर्विस पर कर का भुगतान करने की देयता शामिल है। आइए आपको भी बताते हैं कि आख‍िर एक जनवरी से जीएसटी (GST Rates) की बढ़ती दरों की वजह से आम आदमी की जेब किस तरह से ढीली होने वाली है।

फुटवियर, रेडीमेड कपड़ों पर 12 फीसदी लगेगा जीएसटी
एक जनवरी से सभी फुटवियर पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा, जबकि रेडीमेड कपड़ों सहित कपास को छोड़कर सभी कपड़ा उत्पादों पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा।

Latest Videos

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर पैसेंजर सर्विस
ऑटो रिक्शा चालकों द्वारा ऑफ़लाइन/मैनुअल मोड के माध्यम से प्रदान की जाने वाली पैसेंसजर ट्रांसपोर्ट पर सर्विस पर छूट जारी रहेगी। वहीं ऐसी ससर्विस जब किसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रदान की जाती हैं, तो 1 जनवरी, 2022 से 5 फीसदी की दर से टैक्‍स लगाया जाएगा।

प्रोसीजरल चेंजेंस जो प्रभावी होंगे, उनमें स्विगी और ज़ोमैटो जैसे ई-कॉमर्स ऑपरेटर शामिल हैं, जिन्हें 1 जनवरी से उनके माध्यम से सप्‍लाई की जाने वाली रेस्तरां सर्विस पर सरकार के साथ जीएसटी जमा करने और जमा करने के लिए उत्तरदायी बनाया जा रहा है। उन्हें चालान जारी करने की भी आवश्यकता होगी।

उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा बोझ
अंतिम उपभोक्ता पर कोई अतिरिक्त कर का बोझ नहीं होगा क्योंकि वर्तमान में रेस्तरां जीएसटी जमा कर रहे हैं। केवल, जमा और चालान जुटाने के अनुपालन को अब खाद्य वितरण प्लेटफार्मों पर ट्रांसफर कर दिया गया है। यह कदम सरकार के अनुमानों के बाद आया है कि पिछले दो वर्षों में खाद्य वितरण एग्रीगेटर्स द्वारा कथित रूप से कम रिपोर्टिंग के कारण सरकारी खजाने को कर नुकसान 2,000 है। इन प्लेटफार्मों को जीएसटी जमा के लिए उत्तरदायी बनाने से कर चोरी पर अंकुश लगेगा।

यह भी पढ़ें:- Gold And Silver Price Today: क्रिस्‍मस के बाद सोना हुआ महंगा, चांदी में आई 100 रुपए से ज्‍यादा की गिरावट

अनिवार्य आधार प्रमाणीकरण
दूसरे टैक्‍स चोरी रोकने के उपायों के रूप में जो नए साल से लागू होंगे, उनमें जीएसटी रिफंड का दावा करने के लिए अनिवार्य आधार ऑथेंटिकेशन, उन मामलों में जीएसटीआर -1 दाखिल करने की सुविधा को अवरुद्ध करना शामिल है, जहां व्यवसाय ने करों का भुगतान नहीं किया है और तत्काल में जीएसटीआर -3 बी दाखिल किया है।  वर्तमान में, कानून बाहरी आपूर्ति या GSTR-1 के लिए रिटर्न दाखिल करने पर रोक लगाता है, यदि कोई व्यवसाय पिछले दो महीनों के GSTR-3B को दाखिल करने में विफल रहता है। जबकि व्यवसाय अगले महीने के 11 वें दिन तक किसी विशेष महीने का GSTR-1 दाखिल करते हैं, GSTR-3B, जिसके माध्यम से व्यवसाय करों का भुगतान करते हैं, को अगले महीने के 20-24 वें दिन के बीच क्रमबद्ध तरीके से दाखिल किया जाता है।

यह भी पढ़ें:- RBL Bank में हिस्‍सेदारी खरीदेगें झुनझुनवाला और दमानी, RBI की कार्रवाई से निवेशकों को मोटा नुकसान

परिसरों का दौरा करेंगे जीएसटी अधिकारी
इसके अलावा जीएसटी कानून में संशोधन किया गया है ताकि जीएसटी अधिकारियों को बिना किसी पूर्व कारण बताओ नोटिस के कर बकाया की वसूली के लिए परिसर का दौरा करने की अनुमति दी जा सके, ऐसे मामलों में जहां जीएसटीआर -3 बी में भुगतान किया गया कर बिक्री की मात्रा के आधार पर कम है, जैसा कि आपूर्ति विवरण में दिया गया है।  इस कदम से नकली बिलिंग के खतरे को रोकने में मदद मिलेगी जिससे विक्रेता जीएसटीआर -1 में अधिक बिक्री दिखाएंगे ताकि खरीदार इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा कर सकें, लेकिन जीएसटी देयता को कम करने के लिए जीएसटीआर -3 बी में दबी हुई बिक्री की रिपोर्ट करें।

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

करोलबाग हादसाः 'मां चिंता मत करना' 12 साल के अमन की मौत ने हर किसी को रुलाया
'कुत्ते की पूंछ की तरह सपा के दरिंदे भी...' जमकर सुना गए Yogi Adityanath #shorts
Akhilesh Yadav LIVE: माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता
हरियाणा BJP संकल्प पत्र की 20 बड़ी बातें: अग्निवीर को पर्मानेंट जॉब-महिलाओं को 2100 रु.
दिल्ली सरकार की नई कैबिनेट: कौन हैं वो 5 मंत्री जो आतिशी के साथ लेंगे शपथ