CAIT ने कहा अमेजन कर रही कानून का उल्लंघन, ED को पत्र लिख कर की कार्रवाई की मांग

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने रविवार को कहा कि उसने प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) को पत्र लिखकर कानूनों का उल्लंघन करने के लिए ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
 

Asianet News Hindi | Published : Dec 7, 2020 9:04 AM IST / Updated: Dec 07 2020, 02:38 PM IST

बिजनेस डेस्क। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने रविवार को कहा कि उसने प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) को पत्र लिखकर कानूनों का उल्लंघन करने के लिए ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। कैट का कहना है कि अमेजन की नीतियों से छोटे कारोबारियों की हालत खराब हो रही है। कैट ने एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) को लिखे पत्र में दावा किया है कि अमेजन साल 2012 से ही भारतीय कानूनों और व्यापारिक नियमों का उल्लंघन कर रही है। संगठन ने कहा है कि अमेजन की नीतियों देश के करोड़ों छोटे व्यापारियों को नुकसान हो रहा है, जबकि सरकार ने एफडीआई नीति (FDI Policy) और विदेशी विनिमय प्रबंधन कानून (FEMA) के तहत व्यापार के संरक्षण के लिए जरूरी प्रावधान किए हैं।

नियमों को उल्लंघन कर रहा अमेजन
कैट (CAIT) ने दावा किया कि अमेजन भारत सकार के नियमों का लगातार उल्लंघन कर रहा है, इसके बावजूद उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस वजह से देश के 7 करोड़ व्यापारियों के साथ-साथ मजदूरों और उनसे जुड़े लोग खुद को ठगा हुआ और लाचार महसूस कर रहे हैं।

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अर्थव्यवस्था को हो रहा नुकसान
कैट के पत्र में कहा गया है कि घरेलू खुदरा कारोबारियों के हितों को देखते हुए विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कदम उठाने की जरूरत है। पत्र में यह भी कहा गया है कि अमेजन और दूसरे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के मनमाने रवैये के चलते देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है और इसे देखते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की जरूरत है। कैट ने प्रवर्तन निदेशालय से ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।

क्या कहा कैट के महासचिव ने
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि संगठन ने प्रवर्तन निदेशालय को लिखे पत्र में कुछ सवाल उठाए हैं। पत्र में यह सवाल उठाया गया है कि अमेजन सेलर सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड (Amazon India), दूसरी सहायक सहायक कंपनियों और बेनामी कंपनियों के जरिए ई-कॉमर्स कंपनी कैसे मल्टी-ब्रांड रिटेल कारोबार में सक्रिय है? उन्होंने कहा कि यह एफडीआई पॉलिसीऔर फेमा अधिनियम का पूरी तरह उल्लंघन है।


 

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