Air India हुई टाटा को हैंडओवर, प्रधानमंत्री मोदी से मिले Tata Sons के चेयरमैन, देखें पूरी डिटेल

एअर इंडिया (Air India) आज से टाटा संस की हो गई। एअर इंडिया के 100 प्रतिशत शेयरों को टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया गया है। इससे पहले टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की है।  भारत के पीएमओ ने इस मौके की तस्वीर भी ट्विटर पर शेयर की है। 

Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2022 10:23 AM IST / Updated: Jan 27 2022, 04:41 PM IST

बिजनेस डेस्क ।  एयर इंडिया के हस्तांतरण की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई है।  दीपम सचिव ने  हैंडओवर का आधिकारिक ऐलान कर दिया है। दीपम के दी गई जानकारी के मुताबिक, एयर इंडिया के अधिग्रहण की औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं। एयर इंडिया का विनिवेश लेनदेन बंद, टाटा समूह को शेयर ट्रांसफर कर दिए गए हैं। विचार राशि प्राप्त हो गई है। एयर इंडिया के नए मालिक टाटा समूह हैं। सभी प्रक्रियाएं पूरी हो गई हैं। सरकार को पूरे 2700 करोड़ रुपये मिल गए हैं, 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज जो चुकाना था.. वह स्वीकार कर लिया गया है। नया बोर्ड अभी बैठक कर रहा है, हमने एयर इंडिया को उन्हें सौंप दिया है। हम घोषणा करते हैं कि टाटा समूह एयर इंडिया का नया मालिक है। 
 

टाटा संस के चेयरमैन  ने जताई खुशी
वहीं टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा है कि  एयर इंडिया के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने पर बहुत खुशी हुई है। एयर इंडिया को टाटा समूह में वापस पाकर हम बहुत खुश हैं। हम विश्व स्तरीय एयरलाइन बनाने में सभी के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। 

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने किया ट्वीट 
मंत्री सिंधिया ने अपने ट्वीट में कहा कि  "यह वास्तव में उल्लेखनीय है कि @airindiain की विनिवेश प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से एक सफल तरीके से हैंडओवर कर दिया गया है।  यह सरकार की क्षमता और गैर-रणनीतिक रूप से विनिवेश को प्रभावी ढंग से करने के संकल्प को साबित करता है। एयर इंडिया के नए मालिकों को शुभकामनाएं। मुझे विश्वास है कि एयरलाइन उनके स्वामित्व में नए मुकाम हासिल करेगी और भारत में एक संपन्न और मजबूत नागरिक उड्डयन उद्योग का मार्ग प्रशस्त करेगी।

पीएम मोदी ने की थी एन. चंद्रशेखरन से मुलाकात
इससे पहले   पहले टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से मुलाकात की है।  भारत के पीएमओ ने इस मौके की तस्वीर भी ट्विटर पर शेयर की है। 

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, "एयर इंडिया के मौजूदा बोर्ड की अंतिम मीटिंग आज होगी, एयर इंडिया के बोर्ड के सभी सदस्य अपना रिजाइन सबमिट करेंगे, इसके साथ ही टाटा संस द्वारा नामित नया बोर्ड नियंत्रण संभालेगा। इसके बाद टाटा संस एयर इंडिया के नए सीएमडी और टॉप अधिकारियों की नियुक्ति का ऐलान करेगा। 

 


पीएम से टाटा संस के चेयरमैन की इस मुलाकात को एक औपचारिक भेंट बताया जा रहा है। 69 साल बाद एयर इंडिया अपने असली मालिक के पास लौट आई है। ये एक ऐतिहासिक क्षण है जब टाटा ने इसका स्वामित्व वापस हासिल कर लिया है। 
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इस तरह होगी हस्तांतरण की प्रोसेस 

सरकार ने टाटा समूह द्वारा राष्ट्रीय एयरलाइन के अधिग्रहण से पहले, नॉन-कोर असेट्स  के ट्रांसफर के लिए एअर इंडिया  और स्‍पेशल पर्पस व्‍हीकल एआईएएचएल के बीच समझौते को नोटिफाई किया है। सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में 18,000 करोड़ रुपए में एअर इंडिया  की बिक्री के लिए टाटा समूह के साथ शेयर खरीद समझौता किया था। टाटा समूह द्वारा एयरलाइन का पूर्ण नियंत्रण लेने की उम्मीद है, जिसकी स्थापना 1932 में गुरुवार को हुई थी। डील का कैश कंपोनेंट हैंडओवर प्रोसेस पूरा होने के बाद आएगा। टाटा समूह 2,700 करोड़ रुपये कैश चुकाएगा और एयरलाइन का 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज भी अपने पास रखेगा। डील में एअर इंडिया  एक्सप्रेस और ग्राउंड हैंडलिंग आर्म एआईएसएटीएस की बिक्री भी शामिल है।

18,000 करोड़ रुपये में AIR INDIA को खरीदा
टाटा ने एयर इंडिया का स्वामित्तव वापस पा लिया है। कर्ज से जूझ रही एयर इंडिया को पुराने मालिक का साथ मिल गया है। बीते साल 2021 में सरकार ने एअर इंडिया के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाले टाटा ग्रुप को इस कंपनी की कमान सौंपने का ऐलान किया था।  इसके लिए टाटा समूह ने 18 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। एयर इंडिया को फिर से हासिल करने के बाद रतन टाटा (Ratan Tata) ने ट्वीट कर एक पुरानी तस्वीर साझा की थी। उन्होंने ट्वीट किया है... फिर से स्वागत, एयर इंडिया।

दीपम ने दी थी सबसे पहले जानकारी
साल 2021 के अक्टूबर महीने की 8 तारीख को डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट यानी दीपम (Department of Investment and Public Asset Management- DIPAM) की ओर से एयर इंडिया कंपनी के इस नए बदलाव की जानकारी दी थी। दीपम के सेक्रेटरी तुहीन कांत ने बताया कि टाटा समूह ने 18000 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। टाटा द्वारा ही एयर इंडिया का 15300 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया जाएगा। 
 

69 साल बाद होगी वापसी
लेन-देन दिसंबर 2021 तक पूरा किया जाना था, लेकिन बाद में प्रोसीजर वर्क को पूरा करने के लिए अपेक्षित समय से ज्‍यादा लग जाने के कारण समय सीमा जनवरी 2022 तक बढ़ा दी गई थी। इस डील के बाद एअर इंडिया की टाटा ग्रुप में करीब 69 साल के बाद वापसी होगी। टाटा समूह ने अक्टूबर 1932 में टाटा एयरलाइंस के रूप में एअर इंडिया  की स्थापना की थी। सरकार ने 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण किया।

टाटा को क्‍या मिलेगा
एआईएएचएल की स्थापना 2019 में सरकार द्वारा एअर इंडिया  समूह के ऋण और गैर-प्रमुख संपत्ति रखने के लिए की गई थी। एअर इंडिया  की चार सहायक कंपनियां - एअर इंडिया  एयर ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (AIATSL), एयरलाइन एलाइड सर्विसेज लिमिटेड (AASL), एअर इंडिया  इंजीनियरिंग सर्विसेज लिमिटेड (AIESL) और होटल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (HCI) - गैर-प्रमुख संपत्तियों के साथ, पेंटिंग औ
र कलाकृतियों, और अन्य गैर-परिचालन संपत्तियों को एसपीवी में ट्रांसफर कर दिया गया था। पिछले साल अक्टूबर में, टाटा ने स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम द्वारा 15,100 करोड़ रुपए की पेशकश और घाटे में चल रही वाहक में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिए सरकार द्वारा निर्धारित 12,906 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य को पीछे छोड़ दिया।

टाटा को क्‍या नहीं मिलेगा
31 अगस्त, 2021 तक एअर इंडिया  पर कुल 61,562 करोड़ रुपये का कर्ज था। घाटे में चल रही एयरलाइन को टाटा समूह को सौंपने से पहले इस कर्ज का लगभग 75 प्रतिशत या 46,262 करोड़ रुपये विशेष प्रयोजन वाहन, एआईएएचएल को ट्रांसफर किया जाएगा। इसके अलावा, भूमि और भवन सहित एअर इंडिया  की नॉन कोर असेट्स जिनकी कीमत 14,718 करोड़ रुपये है, को भी एआईएएचएल को ट्रांसफर किया जा रहा है। टाटा को एअर इंडिया  की वसंत विहार हाउसिंग कॉलोनी, नरीमन पॉइंट, मुंबई में एअर इंडिया  बिल्डिंग और नई दिल्ली में एअर इंडिया  बिल्डिंग जैसी गैर-प्रमुख संपत्तियों को बनाए रखने के लिए नहीं दिया जाएगा। टाटा को मिलने वाले 141 एअर इंडिया  के विमानों में से 42 पट्टे पर विमान हैं जबकि शेष 99 स्वामित्व में हैं।

करीब 20 साल के बाद पहला प्राइवेटाइजेशन
2003-04 के बाद यह पहला निजीकरण होगा और टाटा एयर ट्रैवल कारोबार में शामिल होने वाली एअर इंडिया तीसरी कंपनी होगी। इससे पहले टाटा के पास एयर एश‍िया और विस्‍तारा शामिल है। टाटा ग्रुप अपनी सभी कंपन‍ियों को एक साथ जोड़कर एक ही कारोबार में शामिल करने की भी तैयारी कर रही है। एअर इंडिया  इसे 117 वाइड-बॉडी और नैरो-बॉडी एयरक्राफ्ट और एअर इंडिया  एक्सप्रेस लिमिटेड के 24 अन्य नैरो-बॉडी एयरक्राफ्ट के अलावा घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग और पार्किंग स्लॉट के साथ-साथ लंदन के हीथ्रो जैसे विदेशी हवाई अड्डों पर 900 स्लॉट तक पहुंच प्रदान करेगी।
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कब से शुरू हुआ एअर इंडिया को नुकसान
2007-08 में इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय के बाद से एअर इंडिया को हर साल घाटा होने लगा। 2012 में पिछली यूपीए सरकार द्वारा एअर इंडिया के लिए टर्नअराउंड प्लान (टीएपी) के साथ-साथ वित्तीय पुनर्गठन योजना (एफआरपी) को मंजूरी दी गई थी। हालांकि, टीएपी काम नहीं कर सका और एअर इंडिया को बचाए रखने के लिए सरकार 20 करोड़ रुपए प्रत‍ि दिन दे रही थी। पिछले एक दशक में घाटे में चल रही एयरलाइन को बचाए रखने के लिए नकद सहायता और ऋण गारंटी के रूप में 1.10 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया। एयरलाइन को इस समय 20 करोड़ रुपये प्रतिदिन का घाटा हो रहा है। स्टैंडअलोन आधार पर, एअर इंडिया ने मार्च 2022 को समाप्त चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-सितंबर अवधि के दौरान 5,422.6 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया।

एयर इंडिया पर था 61560 करोड़ का कर्ज
एअर इंडिया पर 31 अगस्त तक 61,560 करोड़ रुपये का कर्ज था। इसमें 15300 करोड़ रुपये टाटा संस चुकाएगी जबकि बाकी के 46,262 करोड़ रुपए AIAHL (Air India asset holding company) भरेगी। एयर इंडिया को खरीदने के लिए टाटा ग्रुप की ओर से 18 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई गई थी। जबकि अजय सिंह की स्पाइसजेट ग्रुप ने 15100 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। दोनों बोलियां 12906 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य से कहीं ऊपर थीं।

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Tata ने ही शुरू की थी Air India
Air India के संचालन के लिए कई कंपनियों ने बिड लगाई थी।  इसमें Tata Group की चर्चा सबसे ज्यादा हो रही थी। टाटा का Air India से पुराना नाता है। दरअसल Air India की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप ने ही की थी।टाटा समूह के जे. आर. डी. टाटा (JRD Tata) ने खुद पायलट थे।  जेआरडी टाटा ने टाटा एयरलाइन्स नाम की जो विमानन कंपनी शुरू की थी, उसमें पायलट के तौर पर काम करते थे। उनके अलावा दो पायलट और भी थे। जेआरडी टाटा घंटों विमान उड़ाया करते थे।  इस वजह  से Tata Group  एयर इंडिया को खरीदने की जी तोड़ कोशिश में जुटा था, Air India को हासिल करके  टाटा के नाम एक और  उपलब्धि जुड़ गई है।. 

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