यूएसए में अनुमानित क्रिप्टोकरेंसी प्रॉफिट में 47 बिलियन डॉलर देखने को मिला। इसके बाद यूके, जर्मनी, जापान और चीन का स्थान है। लगभग 1.85 बिलियन डॉलर के वास्तविक लाभ के साथ भारत 21वें स्थान पर है।
बिजनेस डेस्क। ब्लॉकचेन डेटा प्लेटफॉर्म चेनालिसिस की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में क्रिप्टो संपत्ति में निवेशकों को 2021 में कुल 162.7 बिलियन डॉलर का प्रॉफिट हुआ है। बल्कि साल 2020 में सिर्फ 32.5 बिलियन डॉलर का प्रॉफिट हुआ है। वर्ष 2021 क्रिप्टो असेट्स के लिए एक बम्पर फेज था, जिसमें बिटकॉइन की कीमतों में वर्ष के दौरान 64 फीसदी का इजाफा हुआ, जबकि एथेरियम में 393 फीसदी की तेजी देखने को मिली है।
क्रिप्टो प्रॉफिट के मामले में कौन सा देश आगे
रिपोर्ट में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि यूएसए में अनुमानित क्रिप्टोकरेंसी प्रॉफिट में 47 बिलियन डॉलर देखने को मिला। इसके बाद यूके, जर्मनी, जापान और चीन का स्थान है। लगभग 1.85 बिलियन डॉलर के वास्तविक लाभ के साथ भारत 21वें स्थान पर है। विशेष रूप से, यूक्रेन जीडीपी के मामले में 576 बिलियन डॉलर के साथ 40 वें स्थान पर है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी प्रॉफिट के मामले में यूक्रेन ने 2.8 बिलियन डॉलर का प्रॉफिट देखा है और 13वें पायदान पर है। तुर्की 2.7 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी के साथ 11 वें स्थान पर है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी प्रॉफिट के मामले में 4.6 बिलियन डॉलर के साथ छठे पायदान पर है। दिलचस्प बात यह है कि 2021 में, चीन का कुल अनुमानित क्रिप्टोकरेंसी लाभ 5.1 बिलियन डॉलर है, जो 2020 में 1.7 बिलियन डॉलर था। इसका मतलब है कि 2021 में क्रिप्टोकरेंसी में प्रॉफिट 194 फीसदी देखने को मिली है।
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किस देश में कितना प्रॉफिट
एक रिपोर्ट में कहा गया कि चीन में क्रिप्टोकरेंसी में प्रॉफिट काफी बेहतर देखने को मिला है। इसका कारण भी है कि दुनिया के कई देशों में जीडीपी की विकास दर काफी देखने को मिली है। उदाहरण के लिए अमेरिका में अनुमानित क्रिप्टोकरेंसी प्रॉफिट 476 फीसदी बढ़कर 8.1 बिलियन डॉलर से 47 बिलियन डॉलर हो गया। अन्य देशों के क्रिप्टोकरेंसी प्रॉफिट भी समान दरों पर बढ़े है। उदाहरण के लिए, यूके में 431 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है। जबकि जर्मनी का प्रॉफिट 423 फीसदी देखा गया है। इसके अलावा, चीन की कम विकास दर सरकारी कार्रवाई के बाद देश की क्रिप्टोकरेंसी एक्टिविटी में गिरावट को दर्शाती है।
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इथेरियम से हुआ ज्यादा प्रॉफिट
क्रिप्टोकरेंसी असेट्स संदर्भ में, जिन्होंने लाभ में सबसे अधिक योगदान दिया, इथेरियम ने बिटकॉइन को वैश्विक स्तर पर 76.3 बिलियन डॉलर से 74.7 बिलियन डॉलर में कुल प्राप्त प्रॉफिट में पीछे छोड़ दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में डेफी (डिसेंट्रीलाइज फाइनेंस) वृद्धि के कारण इथेरियम की बढ़ती मांग को दर्शाता है, क्योंकि अधिकांश डेफी प्रोटोकॉल इथेरियम ब्लॉकचेन पर बनाए गए हैं और इथेरियम को अपनी प्राथमिक मुद्रा के रूप में उपयोग करते हैं। हालांकि अधिकांश देश इस पैटर्न का पालन करते हैं। उदाहरण के लिए, जापान को बिटकॉइन से वास्तविक लाभ का बहुत अधिक हिस्सा केवल 4 बिलियन डॉलर से कम प्राप्त हुआ। डाटा बताता है कि न केवल क्रिप्टो संपत्ति की कीमतें बढ़ रही हैं, बल्कि यह भी संकेत मिलता है कि क्रिप्टोकरेंसी उभरते बाजारों में यूजर्स के लिए आर्थिक अवसर का एक स्रोत बनी हुई है।