दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के दाम (Bitcoin Price) में आज तेजी देखने को मिल रही हैं। बिटकॉइन डिजिटल टोकन (Bitcoin digital token) 2 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 41,028 पर कारोबार कर रहा था। जिसकी वजह से दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी 2022 में अब तक लगभग 11 फीसदी नीचे रह गई है।
बिजनेस डेस्क। करीब चार के बाद अमेरिकी फेड रिजर्व ने पॉलिसी की दरों में इजाफा (US Fed Reserve hikes policy rates) कर दिया है। यह इजाफा 0.25 फीसदी का देखने को मिला है। फेड रिजर्व ने साफ संकेत दे दिए हैं कि फेड की इस साल होने वाली 6 बैठकों में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी की जा सकती है। वास्तव में अमेरिका में महंगाई का स्तर (US Inflation Level) 40 साल के हाई पर पहुंच गया हैं जिसकी वजह से फेड रिजर्व को ब्याज दरों में इजाफा करना पड़ा है। फेड ने यह इजाफा साल 2018 के बाद पहली बार किया है। जिसका असर क्रिप्टोकरेेंसी पर साफ देखने को मिल रहा है। बिटकॉइन और बाकी क्रिप्टोकरेेंसी की कीमत में इजाफा (Cryptocurrency Price Hike) देखने को मिल रहा हैं आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर ग्लोबली क्रिप्टोकरेंसी के दाम (Cryptocurrency Price Hike) कितने हो गए हैं।
बिटकॉइन के दाम में इजाफा
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के दाम में आज तेजी देखने को मिल रही हैं। बिटकॉइन डिजिटल टोकन 2 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 41,028 पर कारोबार कर रहा था। जिसकी वजह से दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी 2022 में अब तक लगभग 11 फीसदी (वर्ष-दर-तारीख) नीचे रह गई है। यह पिछले साल नवंबर में अपने 69,000 डॉलर के रिकॉर्ड हाई से करीब 30 फीसदी दूर है। यह लगातार तीसरा दिन है जब बिटकॉइन के दाम में इजाफा देखने को मिला है। फेड के फैसले का असर आने वाले दिनों में और देखने को मिल सकता हैं
बाकी क्रिप्टोकरेंसी के दाम
दूसरी ओर बिटकॉइन के दाम दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम भी 5 फीसदी से ज्यादा तेजी के साथ 2,768 डॉलर पर पहंच गई है। डॉगकोइन की कीमत 2 फीसदी से अधिक बढ़कर 0.11 डॉलर हो गई, जबकि शीबा इनु लगभग 3 फीसदी बढ़कर 0.000023 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। पिछले 24 घंटों में पॉलीगॉन, लिटकोइन, स्टेलर, यूनिस्वैप, सोलाना, पॉलीगॉन, पोलकाडॉट, कार्डानो के रूप में अन्य डिजिटल टोकन के प्रदर्शन में सुधार हुआ, जबकि टेरा फिसल गया। इस बीच,ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी बाजार मार्केट कैप 1.91 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया है, लेकिन 2 ट्रिलियन डॉलर से नीचे है।
यह डाल रहे हैं असर
क्रिप्टोकरेंसी को उन्हीं ताकतों ने घेरा हुआ है जिन्होंने इस साल अमेरिकी शेयरों सहित अन्य रिस्की असेट्स को नुकसान पहुंचाया है। रूस-यूक्रेन संकट के कारण बढ़ते जियो-पॉलिटिकल टेंशन के बीच व्यापक बाजार बिकवाली के बीच क्रिप्टोकरेंसी में हालिया अस्थिरता आई है। वहीं वहीं दूसरी ओर अमेरिकी फेड की ओर से साफ तौर पर कह दिया है कि इस साल होने वाली फेड बैठकों में बयाज दरों में इजाफा करेगा।