कंपनी का कहना है ''फाइनेंशियल कंडिशन इतनी खराब हो गई है कि अब कंपनी का संचालन करना मुश्किल हो गया है।''
नई दिल्ली. भारत की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों में से एक दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्प लिमिटेड को 2018-19 की तिमाही में 2, 223 करोड़ का घाटा हुआ है। कंपनी का कहना है- ''फाइनेंशियल कंडिशन इतनी खराब हो गई है कि अब कंपनी का संचालन करना मुश्किल हो गया है।'' डीएचएफल के चैयरमेन और मैनेजिंग डायरेक्टर कपिल वाधवन के मुताबिक, मौजूदा हालात को देखते हुए कंपनी के आगे चलने पर संदेह है। कंपनी फाइनेंशियल क्राइसेस से गुजर रही है। कंपनी फंड नहीं जुटा पा रही है। कोई नए कर्ज की राशि जारी न होने से बिजनेस में ठहराव आ गया है।
बता दें, कंपनी पिछले वित्त वर्ष के दूसरे छिमाही से ही संकट में फंसी है। कंपनी लगातार वित्तीय संकट का झेल रही है। साल 2018-19 में भी कंपनी को 3280 करोड़ की अतिरिक्त प्रोविजनिंग करनी पड़ी थी। कंपनी पर दिसंबर के अंत तक एक लाख करोड़ रुपए बकाया थे। इसमें 38 प्रतिशत बैंकों का है। एसबीआई का बकाया सबसे ज्यादा है।
यह तरीका अपना सकती है कंपनी
डीएचएफएल के प्रमोटर प्राइवेट इक्विटी कंपनियों के साथ बातचीत में है। उन्हें उम्मीद है कि वह अपनी 50 परसेंट की होल्डिंग बेचकर एक अरब डॉलर जुटा लेंगे। फिलहाल कंपनी के प्रमोटर वाधवान परिवार के पास वर्तमान में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।