मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक CMIE की रिपोर्ट के हिसाब से स्थानीय लॉकडाउन की वजह से अप्रैल में करीब 70 लाख लोगों की रोजी रोटी छिन गई है। अगर मई तक कोरोना वायरस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो स्थिति और खराब है होने की आशंका है।
नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर में बेरोजगारी बढ़ गई है। अप्रैल में बेरोजगारी लाखों लोगों को काम धंधे से हाथ धोना पड़ा है। CMIE की रिपोर्ट के मुताबिक स्थानीय लॉकडाउन की वजह से अप्रैल में करीब 70 लाख लोगों की रोजी रोटी छिन गई है। दावा तो यहां तक किया गया है कि अगर मई तक कोरोना वायरस पर नियंत्रण नहीं किया गया तो स्थिति और खराब होने की आशंका है।
4 माह के उच्च स्तर पर पहुंची बेरोजगारी
मुंबई का एक थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिेग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) देश में बेरोजगारी के आंकड़े इकट्ठे करता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उसने अपने रिपोर्ट कहा है कि अप्रैल में देश की बेरोजगारी दर करीब 8% के स्तर पर पहुंच गई है, जो 2021 के शुरुआती 4 महीनों की सबसे ऊंची बेरोजगारी दर है। मार्च में देश की बेरोजगारी दर 6.5% थी।
कोविड प्रतिबंधों ने बनाया बेरोजगार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक CMIE के एमडी महेश व्यास ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। इसका असर रोजगार पर पड़ा है और अभी भी देश का अनएम्प्लॉयमेंट आउटलुक कमजोर बना हुआ है।
(प्रतीकात्मक फोटो)