
बिजनेस डेस्क। सप्ताह के पहले कारोबरी दिन भारतीय शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। जिसकी वजह से बाजार निवेशकों को अब तक करीब सवा तीन लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। सेंसेक्स में 1200 अंकों से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है। जिसकी वजह से बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक 57,424 अंकों पर आ गया है। वैसे बाजार में बड़ी गिरावट की गई वजहें बताई जा रही है। जिसमें बैंकिंग सेक्टर में बिकवाली मुख्य वजह है। जिसके तहत बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक में अच्छी खासी गिरावट देखने को मिल रही है। इसी दबाव के कारण निफ्टी 17,150 के स्तर को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रहा है। वहीं दूसरी ओर भारत के बांड और विदेशी मुद्रा बाजार बंद थे, जबकि केंद्रीय बैंक ने महाराष्ट्र में सार्वजनिक अवकाश का हवाला देते हुए अपनी मौद्रिक नीति समिति की बैठक को एक दिन के लिए 8-10 फरवरी तक पुनर्निर्धारित किया है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर वो कौन से कारण हैं जिसकी वजह से शेयर बाजार में बड़ी बिकवाली देखने को मिल रही है।
बैंकिंग शेयरों में गिरावट
आज शेयर बाजार में बैंकिंग सेक्टर में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, बजाज फिनसर्व और बजाज फाइनेंस जैसे एफआईआई पसंदीदा स्टॉक 3 फीसदी से लेकर 3.5 फीसदी तक नीचे कारोबार कर रहे हैं। सेंसेक्स पर बैंक एक्सचेंज करीब 800 अंकों तक गिरा हुआ है। इंडसइंड और आईसीआईसीआई बैंक में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिल रही है।
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वैश्विक बाजारों का असर
शुक्रवार को जब अमरीका और यूरोप के बाजार गिरावट के साथ बंद हुए थे, जिनका असर भी शेयर बाजार में साफ देखने को मिल रहा है। पहले यूरोपीय शेयर बाजारों की बात करें तो काफी मिलजुला देखने को मिला था। शुक्रवार के आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी में अमेरिका ने उम्मीद से ज्यादा नौकरियां पैदा कीं, जिसके बाद निवेशक फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में बढ़ोतरी के बढ़ते दांव से सतर्क दिखाई दिए।
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महंगाई के आंकड़ों से फिसला बाजार
जनवरी के लिए अमेरिकी महंगई के आंकड़े गुरुवार को होने वाले हैं और मजबूत डेटा फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों को बढ़ाने की योजना को आगे बढ़ा सकता है, क्योंकि अमेरिकी रोजगार रिपोर्ट में पिछले महीने गैर-कृषि पेरोल में 467,000 नौकरियों की छलांग लगाई गई थी। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि यूएस 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड में 1.91 फीसदी की वृद्धि उच्च मुद्रास्फीति की बढ़ती चिंताओं और फेड के वक्र के पीछे होने को दर्शाती है। अमेरिका में 4.67 लाख नई नौकरियों की जनवरी की नौकरियों की रिपोर्ट बाजार की उम्मीदों से काफी आगे थी। अब यह संदेह से परे है कि फेड को मुद्रास्फीति पर सख्त कार्रवाई करनी होगी। अगर फेड अत्यधिक आक्रामक हो जाता है और मार्च में 50 बीपीएस की दर में बढ़ोतरी करता है, तो इससे बाजारों में तेज सुधार हो सकता है।
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विदेशी निवेशकों ने की बिकवाली
एफआईआई की बिक्री शॉर्ट टर्म में में बाजार को प्रभावित कर रही है, लेकिन मध्यम में नहीं। एफआईआई ने अक्टूबर 2021 से 114100 करोड़ रुपए की इक्विटी बेची है। लेकिन निफ्टी अब वहीं बना हुआ है जहां यह अक्टूबर 2021 की शुरुआत में था। एफआईआई की बिक्री अल्पकालिक गिरावट का कारण बन रही है, लेकिन मध्यम अवधि में कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं है।