दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी ई-वाणिज्य कंपनियों को एमवे, मोदीकेयर और आरिफ्लेम जैसी कंपनियों के स्वास्थ्य और सौंदर्य संबंधित उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने के एकल न्यायाधीश के आदेश को शुक्रवार को खारिज कर दिया।
नई दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी ई-वाणिज्य कंपनियों को एमवे, मोदीकेयर और आरिफ्लेम जैसी कंपनियों के स्वास्थ्य और सौंदर्य संबंधित उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाने के एकल न्यायाधीश के आदेश को शुक्रवार को खारिज कर दिया।
एमवे जैसी कंपनियां पहले अपना उत्पाद सीधे ग्राहकों को बेचती थीं।
एमवे, मोदीकेयर और ओरिफ्लेम अपने उत्पाद सीधे ग्राहकों को बेचतीं है। न्यायाधीश एस मुरलीधर और न्यायाधीश तलवंत सिंह की पीठ ने 8 जुलाई 2019 के एकल न्यायाधीश के अंतरिम आदेश को खारिज कर दिया। अदालत ने सीधी बिक्री करने वाली कंपनियों (डीएसई) पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जो ई-वाणिज्य कंपनियों को दिया जाएगा। यह जुर्माना उनके द्वारा दायर छह अपीलों में प्रत्येक पर दिया जायेगा। ई-वाणिज्य कंपनियों ने अपनी याचिकाओं में दलील दी थी कि एकल न्यायाधीश ने उन मुद्दे पर फैसला सुनाया जिसे डीएसई ने अपने मुकमदे में उठाया ही नहीं था।
न्यायाधीश प्रतिभा एम सिंह ने अपने आदेश में ई-वाणिज्य कंपनियों पर इन उत्पादों की बिक्री पर रोग लगाते हुए कहा था कि डीएसई के जिन सामान को ई-वाणिज्य कंपनियां बेचती हैं, उसका अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) अधिक होता है और उसमें छेड़छाड़ होती है। साथ ही उन उत्पादों को नई विनिर्माण तिथि के साथ बेचा जा रहा है जिसकी मियाद खत्म हो रही है।
( यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है )