UP Election 2022 से पहले लोकल बॉडीज के लिए EPFO कर सकती है बड़ी घोषणा, लाखों कर्मचारियों को होगा फायदा

ईपीएफओ (EPFO) जल्द ही उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सभी स्थानीय निकायों (Local Bodies) में योजना के क्रियान्वयन को लेकर महत्वपूर्ण घोषणा कर सकता है।

 

Asianet News Hindi | Published : Dec 20, 2021 12:39 PM IST / Updated: Dec 20 2021, 06:11 PM IST

बिजनेस डेस्‍क। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) पूरे भारत में सरकारी और प्राइवेट सेक्‍टर (Govt and Private Sector) के अध‍िकतर कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण संगठन है। अब ईपीएफओ द्वारा जल्द ही एक महत्वपूर्ण घोषणा की उम्मीद है, जो उत्तर प्रदेश के सभी कर्मचारियों (UP Employees) के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। जानकारी के अनुसार, ईपीएफओ उत्तर प्रदेश के सभी स्थानीय निकायों में 100 फीसदी भविष्य निधि योजनाओं को लागू करने की योजना बना रहा है। यह उन सभी कर्मचारियों के लिए फायदेमंद हो सकता है जो उत्तर प्रदेश में सरकारी और प्राइवेट सेक्‍टर्स में काम करते हैं।

जल्‍द शुरू हो सकती है योजना
इस संबंध में निर्णय लेने के लिए क्षेत्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रम और ईपीएफओ आयुक्त के बीच 22 दिसंबर को बैठक होने की संभावना है। रिपोर्ट्स के अनुसार इस फैसले को लागू करने के लिए औपचारिक नीति बनाने पर भी बैठक में चर्चा की जाएगी। यदि यह निर्णय उत्तर प्रदेश में लागू होता है, तो सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के सभी कर्मचारियों के वेतन का एक फीसदी उनके पीएफ अकाउंट्स  में योगदान किया जाएगा, जो उनकी बचत के रूप में कार्य कर सकता है और जीवन में बाद में रिटायरमेंट स्‍कीम प्रदान कर सकता है।

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कुछ ऐसी है योजना
उत्तर प्रदेश में पीएफ के 100 फीसदी क्रियान्वयन के पहले चरण में एक लाख से अधिक कर्मचारी पीएफ योजना का लाभ उठा सकेंगे। यदि यह निर्णय लिया जाता है, तो पीएफ योजना को कांट्रैक्‍ट वर्कर्स, कांट्रैक्‍ट इंप्‍लॉयज, नगर निगमों, नगर पालिकाओं, नगर पंचायतों और अन्य लोगों तक विस्तारित किए जाने की संभावना है। अभी तक, उत्तर प्रदेश में लगभग 22 लाख EPFO अकाउंट होल्‍डर्स हैं, लेकिन इनमें से केवल 12,000 ही सक्रिय खाते हैं। 22 दिसंबर को हुई बैठक के दौरान कर्मचारियों की पेंशन को लेकर भी फैसला होने की संभावना है।

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पूरे देश में अनिवार्य हो गया है ईपीएफओ
पीएफ अकाउंट पूरे भारत में सरकारी और प्राइवेट सेक्‍टर की कई कंपनियों में अनिवार्य हो गए हैं। कंपनियां इसे बढ़ावा देने का मुख्य कारण यह सुनिश्चित करना है कि कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित है और उनके पास रिटायरमेंट के लिए पर्याप्त सेविंग है। आपको बता दें क‍ि कोरोना काल में ईपीएफओ की ओर से आम लोगों की जरुरत को पूरा करने के लिए एडवांस स्‍कीम की शुरूआत की थी। जिसका फायदा करोड़ों लोगों को मिला था।

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