वित्तीय सेवा मामलों के सचिव देबाशीष पांडा ने शुक्रवार को बैंकों की शाखाएं के बंद किए जाने की अफवाहों को खारिज किया उन्होंने कहा कि बैंक शाखाएं कोराना महामारी की रोकथाम के लिए आवाजारी पर लागू रोक के इस दौर में आवश्यक सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध हैं और नकदी की कोई कमी नहीं है
नई दिल्ली: वित्तीय सेवा मामलों के सचिव देबाशीष पांडा ने शुक्रवार को बैंकों की शाखाएं के बंद किए जाने की अफवाहों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि बैंक शाखाएं कोराना महामारी की रोकथाम के लिए आवाजारी पर लागू रोक के इस दौर में आवश्यक सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध हैं और नकदी की कोई कमी नहीं है।
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग ने लोगों से अनुरोध किया कि वे ग्राहक सेवाएं मुहैया कराने वाली बैंक शाखाओं के बंद होने की अफवाहों पर विश्वास न करें।
शाखाओं और एटीएम में पर्याप्त नकदी है
पांडा ने ट्वीट किया, ‘‘ग्राहक सेवा देने वाली बैंक शाखाएं चालू हैं और वे सेवाएं प्रदान करना जारी रखेंगी। शाखाओं और एटीएम में पर्याप्त नकदी है। शाखा बंद होने की अफवाहों पर भरोसा न करें! हालांकि, ग्राहकों से बड़ी संख्या में बैंक शाखाओं में आने से बचने का अनुरोध किया गया है....।’’ बाद में भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने भी बैंक शाखाएं बंद होने की अफवाह को खारिज किया और कहा कि देश भर में करीब 1,05,988 शाखाएं काम कर रही हैं।
बैंक शाखाओं के कामकाज को सुचारू बनाने के लिए कई बैंक अपनी शाखाओं के कामकाज को तर्क संगत बना रहे हैं। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने शुक्रवार को खुलने वाली अपनी शाखाओं के लिए समयसारिणी बनाई है।
सहायता देने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं
आईबीए ने कहा, ‘‘हम आपको आश्वस्त करते हैं कि हम अपनी ओर से आपको हर संभव सहायता देने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। हमने अपने ग्राहकों को बैंक सेवाएं देते रहेंगे। हालांकि हम ग्राहक से जरूरी होने पर ही शाखा में जाने की अपील करते हैं। आप जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, हमारे कर्मचारियों के साथ भी उसी प्रकार की चुनौती है। इसीलिए हम आपसे मदद मांग रहे हैं।’’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आश्वासन दिया था कि कोरोना वायरस महामारी के चलते गरीबों को होने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत दी जाने वाले मदद सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचाई जाएगी।
पांडा ने कहा कि जहां तक धन हस्तांतरण का सवाल है, जरूरी इंतजाम किए जाएंगे।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)