दुनिया के बड़े देशों को पछाड़ देगी इंडियन इकोनॉमी, जानिए Finmin Report की अहम बातें

Finmin Report में कहा गया है कि 2022-23 के बजट (Budget 2022-23) ने पिछले साल के बजट से भारत अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिए निर्धारित दिशा को मजबूत किया है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 16, 2022 8:28 AM IST / Updated: Feb 16 2022, 02:00 PM IST

बिजनेस डेस्‍क। वित्त मंत्रालय की मंथली इकोनॉमिक रिव्‍यू में कहा गया है कि 2022-23 के बजट में सरकार द्वारा की गई विभिन्न पहलों के दम पर इंडियन इकोनॉमी बड़े देशों की लीग के बीच सबसे तेज गति से बढ़ने की ओर अग्रसर है। समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार चालू वर्ष में इको‍नॉमिक ग्रोथ पहले से बेहतर देखने को मिल सकती है। मैन्‍यूफैक्‍चरिंग और कंस्‍ट्रक्‍शन 'ग्रोथ ड्राइवर्स' होंगे, जो पीएलआई स्‍कीम्‍स और बुनियादी ढांचे में पब्‍ल‍िक कैपेक्स से प्रेरित होंगे। एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर में भी तेजी देखने को मिलेगी। जिससे शुद्ध बुआई क्षेत्र में तो इजाफा होगा ही, साथ अलग-अलग किस्‍मों की खेती में इजाफा होगा। पीएम किसान योजना के माध्यम से लाभकारी एमएसपी और उदार में खरीद के माध्यम से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और देश का फूड बफर मजबूत होगा।

दुनिया में सबसे तेजी होगी इकनॉमी
आईएमएफ ने अपने जनवरी 2022 के अपडेट में 2022 के लिए अपने वैश्विक विकास अनुमान को कम कर दिया है। भारत अभी तक आईएमएफ द्वारा लिस्‍टेड एकमात्र बड़ा और प्रमुख देश है जिसका विकास अनुमान 2022-23 में ऊपर की ओर संशोधित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार अपने लोगों के लचीलेपन और अपनी नीति निर्माण की दूरदर्शिता के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था जो 2020-21 में (-) 6.6 फीसदी कांट्रै‍क्‍ट‍िड है, अब 2022-23 में बड़े देशों की लीग में सबसे तेजी से बढ़ने का अनुमान है।

यह भी पढ़ें:- Petrol Diesel Price Today, 16 Feb 2022: 3 फीसदी से ज्‍यादा टूटा क्रूड ऑयल, जानिए आपके शहर में कितने फ्यूल प्राइस

कैपेक्‍स बजट में किया इजाफा
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022-23 के बजट ने पिछले साल के बजट से भारत की इकोनॉमी के लिए निर्धारित दिशा को मजबूत किया है। पूंजीगत कार्यों के लिए राज्यों को सहायता अनुदान शामिल करने के बाद पूंजीगत व्यय बजट, चालू वर्ष के बजट अनुमानों से 35.4 फीसदी अधिक और सकल घरेलू उत्पाद के 4.1 प्रतिशत तक बढ़ रहा है, गतिशक्ति के सात इंजनों को बुनियादी ढांचे के अंतर को कम करने और देश में निजी निवेश सुविधा प्रदान करने के लिए शक्ति प्रदान करेगा। कोविड-19 की तीसरी लहर के प्रभाव पर रिपोर्ट में कहा गया है कि ओवरऑल इकोनॉमिक एक्‍ट‍िविटी लचीली रही और यह बिजली की खपत, पीएमआई निर्माण, निर्यात और ई-वे बिल निर्माण जैसे कई हाई फ्रि‍क्‍वेंसी इंडिकेटर्स के मजबूत प्रदर्शन में दिखाई देता है।

यह भी पढ़ें:- Gold Silver Price, 16 Feb 2022: चांदी की कीमत में 800 रुपए की गिरावट, जानि‍ए सोना कितना हुआ महंगा

कोविड की अनिश्चितता और चिंता दूर होगी तो खपत बढ़ेगी
रिपोर्ट में कहा गया है  कि एक बार जब लोगों के दिमाग से कोविड -19 वायरस के कारण अनिश्चितता और चिंता दूर होगी तो खपत बढ़ जाएगी और मांग में पुनरुद्धार के बाद निजी क्षेत्र को बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उत्पादन बढ़ाने के लिए निवेश के साथ कदम उठाने की सुविधा होगी। बजट ने 2022-23 में 3.0-3.5 फीसदी के जीडीपी डिफ्लेटर के साथ 11.1 फीसदी की मामूली जीडीपी वृद्धि का लक्ष्य रखा है। केवल 8 फीसदी का रियल ग्रोथ कंपोनेंट इकोनॉमिक सर्वे 2021-22 में पूर्वानुमान के साथ-साथ फरवरी 2022 की अपनी बैठक में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा अनुमानित 7.8 फीसदी के करीब है।

Share this article
click me!