केंद्र की मोदी सरकार मंदी से निपटने के लिए कई बड़े फैसले ले रही है। इसी के क्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकार ने बैंकों के विलय का फैसला किया है। 27 की जगह 12 सरकारी बैंक होंगे।
नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार मंदी से निपटने के लिए कई बड़े फैसले ले रही है। इसी के क्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकार ने बैंकों के विलय का फैसला किया है। 27 की जगह 12 सरकारी बैंक होंगे। उन्होंने बताया कि पिछले साल तीन बैंकों के विलय का फैसला किया गया था, इसका फायदा हुआ। रिटेल लोन ग्रोथ में 25% की बढ़ोतरी हुई।
इन बैंकों का होगा विलय
- वित्त मंत्री ने बताया पीएनबी, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय होगा। तीनों मिलकर दूसरा बड़ा सरकारी बैंक बनेंगे, संयुक्त कारोबार मिलाकर 17.95 लाख करोड़ रुपए होगा।
- कैनरा और सिंडिकेट बैंक का भी विलय होगा, दोनों मिलकर चौथा सबसे बड़ा बैंक बनेंगे
- यूनियन बैंक का आंध्रा बैंक और कार्पोरेशन बैंक ऑफ इंडिया में विलय होगा, ये पांचवा सबसे बड़ा बैंक बनेगा। कारोबार 14.59 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा।
- इंडियन बैंक, इलाहाबाद बैंक के विलय से 7वां बड़ा बैंक बनेगा, कारोबार 8.08 करोड़ रुपए होगा।
बैकों के मर्जर से किसी की नौकरी नहीं जाएगी- सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया कि इन 10 बैकों के विलय के बाद किसी भी कर्मचारी की नौकरी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
कैसे, बैंकों का रिकैपिटलाइजेशन होगा ?
वित्त मंत्री ने बताया कि किस तरह से बैंकों का रिकैपिटलाइजेशन होगा। उन्होंने बताया कि इसके तहत पंजाब नैशनल बैंक को 16,000 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 11,700 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा को 7,000 करोड़, केनरा बैंक को 6,500 करोड़ रुपए, इंडियन बैंक को 2,500 करोड़ रुपये मिलेंगे। वहीं, इंडियन ओवरसीज बैंक को 3,800 करोड़, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया 3,300 करोड़, यूको बैंक 2,100 करोड़ रुपये, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,600 करोड़ और पंजाब ऐंड सिंध बैंक को 750 करोड़ रुपए मिलेंगे।
वित्त मंत्री के बयान की बड़ी बातें
- सीतारमण ने कहा- 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी का लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए।
- भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्तियां जब्त कीं, उन्हें वापस लाने की कोशिशें जारी हैं।
- नीरव मोदी का जिक्र करते हुए कहा कि भगोड़ों की संपत्ति के जरिए रिकवरी जारी है। नीरव मोदी जैसे मामलों को रोकने के लिए स्विफ्ट बैंकिंग सिस्टम लागू किया गया
- एनपीए में कमी आई है। एनपीए की रकम 8.65 लाख करोड़ रुपए से घटकर 7.90 लाख करोड़ रुपए रह गई। कर्ज वसूली 14 सरकारी बैंकों का मुनाफा बढ़ा है।
- लोन रिकवरी रिकॉर्ड स्तर पर, 250 करोड़ से ज्यादा के हर कर्ज पर नजर; 3.85 लाख शेल कंपनियां बंद
- हाउसिंग फाइनेंस को 3300 करोड़ रुपए का सपोर्ट सरकार देगी