विदेशी निवेशकों ने की शेयर मार्केट से निकासी, जानिए क्या बनी वजह

FPII ने  शेयर बाजार से करीब 3,000 करोड़ रुपए निकाले। ऐसा शेयर बाजार में गिरावट की वजह से हुआ। वैश्विक मंदी का शेयर मार्केट पर भारी असर हुआ है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 6, 2019 8:41 AM IST / Updated: Oct 06 2019, 02:25 PM IST

नई दिल्ली: वैश्विक नरमी और व्यापार युद्ध की आशंकाओं के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में शुरूआती तीन कारोबारी दिवसों में शेयर बाजार से करीब 3,000 करोड़ रुपयों की निकासी की है। विदेशी निवेशकों ने इससे पहले सितंबर में शेयर में करीब 7,850 करोड़ रुपए का निवेश किया था। हालांकि, बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के रेपो रेट में कटौती और सेबी के कुछ फैसलों से एफपीआई निवेश में तेजी आने की उम्मीद है।

पिछले एक दशक में यह रेपो की सबसे निचली दर

केंद्रीय बैंक ने शुक्रवार को प्रमुख नीतिगत दर यानी रेपो रेट 0.25 प्रतिशत घटाकर 5.15 प्रतिशत कर दीया है। पिछले करीब एक दशक में यह रेपो की सबसे निचली दर है। डिपॉजिटरी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, एक से चार अक्टूबर के दौरान विदेश निवेशकों (एफपीआई) ने शेयर से 2,947 करोड़ रुपए और बान्ड बाजार से 977 करोड़ रुपए की निकासी की। इस तरह उनकी कुल निकासी 3,924 करोड़ रुपए रही। 

ग्राहकों के लिए केवाईसी के नियम सरल 

सरकार ने सितंबर अंत में कॉरपोरेट टैक्स में 10 प्रतिशत की कटौती की थी। साथ ही एफपीआई के किसी प्रतिभूति, डेरिवेटिव की बिक्री पर पूंजीगत लाभ पर बढ़े हुए टैक्स को भी खत्म कर दिया था। इसके अलावा.सेबी ने भी एफपीआई के लिए अपने ग्राहकों के लिए जानो (केवाईसी) नियम सरल बना दिए हैं।

वैश्विक मंदी का रहा बाजार पर असर

कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के वरिष्ठ प्रबंधक अरुण मंत्री ने कहा, ‘‘वैश्विक मंदी, व्यापार युद्ध और भारत में सुस्ती की आशंकाओं के चलते निवेशकों ने निकासी की। कंपनियों के अच्छी तिमाही नतीजों से एफपीआई निवेश में सुधार के आसार है। हालांकि, वैश्विक आर्थिक और व्यापार युद्ध चिंताओं की वजह से बाजार में सुस्ती रह सकती है। बाजार को घरेलू निवेशकों से समर्थन मिलेगा।’’

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

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