SBI की पूर्व चेयरमैन ने कहा, म्यूचुअल फंड, NBFC की लिक्विडिटी के लिए उपाय की जरूरत

 भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने कोरोना संक्रमण के चलते 21 दिन की राष्ट्रव्यापी बंदी के असर से म्यूचुअल फंडों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (बचाने) के लिये उपाय करने की वकालत की

Asianet News Hindi | Published : Mar 29, 2020 8:24 AM IST / Updated: Mar 29 2020, 03:22 PM IST

बेंगलुरू: भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य ने कोरोना संक्रमण के चलते 21 दिन की राष्ट्रव्यापी बंदी के असर से म्यूचुअल फंडों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (बचाने) के लिये उपाय करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि म्यूचुअल फंडों तथा एनबीएफसी के लिये तरलता बढ़ाने के उपाय किये जाने चाहिये।

उन्होंने पिछले सप्ताह रिजर्व बैंक द्वारा की गयी घोषणाओं की सराहना करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंकों ने बैंकों के लिये तरलता सुनिश्चित करने का शानदार काम किया है।

संकट में सबसे पहली दिक्कत नकदी

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘किसी भी तरह के संकट में सबसे पहली दिक्कत नकदी को लेकर आती है और नकदी के समाप्त होते ही समाधान के मुद्दे आने लग जाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक को अभी म्यूचुअल फंडों तथा एनबीएफसी के लिये तरलता सुनिश्चित करने को लेकर उपाय करने की जरूरत है, क्योंकि ये भी वित्तीय प्रणाली का हिस्सा हैं।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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