अडानी विल्मर लिमिटेड (Adani Wilmer Limited) ने अपने आईपीओ (AWL IPO) के लिए 218-230 रुपए प्रति शेयर का प्राइस बैंड निर्धारित किया है, कंपनी का मूल्य 26,287.82 करोड़ रुपए है। आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 27 जनवरी को खुलेगा और 31 जनवरी को बंद होगा।
बिजनेस डेस्क। अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड और विल्मर इंटरनेशनल लिमिटेड के बराबर संयुक्त उद्यम और खाद्य तेलों के फॉर्च्यून ब्रांड के मालिक, अडानी विल्मर लिमिटेड (Adani Wilmer Limited) ने अपने आईपीओ (AWL IPO) के लिए 218-230 रुपए प्रति शेयर का प्राइस बैंड निर्धारित किया है, कंपनी का मूल्य 26,287.82 करोड़ रुपए है। आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 27 जनवरी को खुलेगा और 31 जनवरी को बंद होगा। कंपनी 8 फरवरी को एक्सचेंजों पर लिस्ट होने की योजना बना रहा है। फर्म ने अपने आईपीओ के आकार को पहले के 4,500 करोड़ रुपए से घटाकर 3,600 करोड़ रुपए कर दिया है। इश्यू से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल 1,900 करोड़ रुपए कैपिटल एक्सपेंडीचर 1,058.90 करोड़ रुपए कर्ज चुकाने और 450 करोड़ रुपए रणनीतिक अधिग्रहण और निवेश के लिए किया जाएगा।
लगातार फायदे में है कंपनी
कोटक महिंद्रा कैपिटल, जेपी मॉर्गन इंडिया, बोफा सिक्योरिटीज इंडिया, क्रेडिट सुइस सिक्योरिटीज इंडिया, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एचडीएफसी बैंक और बीएनपी पारिबा इस इश्यू के लीड मैनेजर्स हैं। सितंबर 2021 को समाप्त अवधि के लिए, फर्म ने एक साल पहले 16,273,73 करोड़ रुपए की तुलना में 24,957.29 करोड़ रुपए की कुल आय दर्ज की। इस अवधि के दौरान नेट प्रोफिट 357.13 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल 288.79 करोड़ रुपए था। सितंबर 2021 तक, फर्म की कुल बकाया उधारी 9,191.55 करोड़ रुपए थी।
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देश नंबर 1 फॉर्च्यून ब्रांड
मार्च 2021 तक, इसके खाद्य तेल की बाजार हिस्सेदारी 18.3 फीसदी थी, जिससे फॉर्च्यून भारत में नंबर 1 खाद्य तेल ब्रांड बन गया। फ्लैगशिप ब्रांड भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला खाद्य तेल ब्रांड है। फर्म ने 2013 से पैकेज्ड खाद्य पदार्थों की एक वाइड रेंज की पेशकश करने के लिए अपने ब्रांडों और वितरण नेटवर्क का भी लाभ उठाया है, जिसमें पैकेज्ड गेहूं का आटा, चावल, दालें, बेसन, चीनी, सोया चंक्स और रेडी-टू-कुक खिचड़ी शामिल हैं।
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देश में है कंपनी के 22 प्लांट
कंपनी के 22 प्लांट रणनीतिक रूप से भारत के 10 राज्यों में स्थित हैं, जिसमें 10 क्रशिंग यूनिट्स और 19 रिफाइनरी शामिल हैं। 19 रिफाइनरियों में से, 10 आयातित कच्चे खाद्य तेल के उपयोग को सुविधाजनक बनाने और परिवहन लागत को कम करने के लिए बंदरगाह आधारित हैं, जबकि शेष आमतौर पर भंडारण लागत को कम करने के लिए कच्चे माल के उत्पादन अड्डों के निकट भीतरी इलाकों में स्थित हैं। मुंद्रा में इसकी रिफाइनरी भारत में सबसे बड़ी सिंगल लोकेशन रिफाइनरियों में से एक है, जिसकी डिजाइन क्षमता 5,000 मीट्रिक टन प्रति दिन है।